मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अब विपक्ष पर पलटवार किया है। फडणवीस ने कहा कि ईवीएम को दोष देने से अच्छा है कि विपक्ष खुद ही मंथन करे, और उन्हें जनता के बीच जाकर माफ़ी मांगनी चाहिए। आपको बता दें कि इस समय महाराष्ट्र में ईवीएम को लेकर राजनीति गरम है। शुक्रवार को कांग्रेस, एनसीपी और मनसे ने संयुक्त रूप से बैठक आयोजित कर पत्रकारों से बात की। इस प्रेस कांफ्रेस में 21 अगस्त को ईवीएम के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया गया।
क्या कहा मुख्यमंत्री ने?
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, ईवीएम पर इस तरह से अविश्वास करना जनता पर अविश्वास करने जैसा है। इस मुद्दे पर विपक्ष के एकजुट होने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। ईवीएम के खिलाफ विरोध करने के बजाय विरोधियों को सार्वजनिक रूप से जनता के बीच जाना चाहिए। उन्हहें जनता से माफ़ी मांगते हुए कहना चाहिए कि पहले हमने काम नहीं किया लेकिन भविष्य में हम काम जरुर करेंगे, ऐसा करके उन्हें जनता से सहानुभूति जरुर मिलेगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा कहा कि ईवीएम और बीजेपी को दोष देने से अच्छा है कि विपक्ष खुद ही मंथन करे।
क्या है मामला?
शुक्रवार को बांद्रा के एमआईजी क्लब में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने पत्रकार परिषद की। इस पत्रकार परिषद में सभी विपक्षी पार्टियों ने राज्य में आनेवाले विधानसभा को EVM से कराने के बजाय बैलट पेपर से कराने की मांग की। इस पत्रकार परिषद में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ साथ एनसीपी के अजित पवार, छगन भुजबल और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट, शेतकरी कामगार पक्ष के जयंत पाटील, किसान नेता राजू शेट्टी विधायक कपिल पाटील, आप पार्टी के नेता ब्रिगेडियर सुधीर सावंत सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
राज ठाकरे ने पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए कहा की कुछ दिनों पहले उन्होने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुकलाकात की थी। ममता बनर्जी ने उन्हे आश्वासन दिया की वो इस विरोध में शामिल होगीं। इसके साथ ही राज ठाकरे ने कहा की आनेवाले समय में देश में हर एक राज्य में EVM के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होंगे।
इसके साथ ही राज ठाकरे ने कहा की हम एक फॉर्म निकाल रहे है घर-घर जाकर वो फॉर्म भरा जाएगा जिसमें लिखा होगा कि अगला चुनाव बैलेट (Ballot paper) से हो। इसके साथ ही उन्होने कहा की इस विरोध प्रदर्शन में किसी भी पार्टी का झंडा नहीं होगा।