मराठा आरक्षण का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है। राज्य सरकार ने कोर्ट में जानकारी दी है की आरक्षण से संबंधित अध्ययन करने के लिए जो रिपोर्ट आयोग ने तैयार की है उसे नहीं बल्की उनकी सिफारिशों को स्विकार किया गया है। राज्य में चल रहे शीतकालिन अधिवेशन के तीसरे दिन राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने विधानसभा में कहा की आयोग की रिपोर्ट नहीं बल्की सिफारिशों को माना गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ये बात भी दोहराई की मराठा को आरक्षण देने के लिए ओबीसी के आरक्षण में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है।
पूरी रिपोर्ट को स्विकार नहीं किया
राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में आयोग की रिपोर्ट को पेश किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने ये भी जानकारी दी है की आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को स्विकारा गया है। सीएम ने ये भी स्पष्ट किया की पूरी रिपोर्ट को स्विकार नहीं किया गया है। कुछ अखबारों में ऐसी खबरें आ रही थी की सरकार ने रिपोर्ट को स्विकार कर लिया है , जो की गलत है। इन्ही खबरों का सहारा लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की कोशिश की है।
मराठा आरक्षण के बीत वरिष्ठ विधायक गणपतराव देशमुख ने धनगर आरक्षण का मुद्दा उठाया। देशमुख ने कहा की धनगर समाज के लिए आरक्षण की रिपोर्ट को पेश नहीं किया जा रहा है। धनगर आरक्षण मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा की पूरानी सरकारों ने धनगर आरक्षण के मुद्दे पर गलत रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे मौजूदा सरकार सुधार रही है और इस बारे में सरकार गंभीर है।
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