क्या बॉलीवुड और ड्रग माफिया (Drugs) के बीच संबंध का दावा करने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत (Kanagana ranaut) की जांच के बिना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो नमो कंट्रोल ब्यूरो बन गया है? यह सवाल कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत(Sachin sawant) से पूछा गया है। अगर NCB व्हाट्सएप चैट के माध्यम से मामला दर्ज कर रहा है, तो कंगना के वीडियो की कोई जांच क्यों नहीं हुई, सावंत ने भी सवाल उठाया है।
बीजेपी पर साधा निशाना
इस मुद्दे पर बोलते हुए, सचिन सावंत ने भाजपा पर आरोप भी लगाए हैं। उस ने कहा, क्या एनसीबी एक नमो कंट्रोल ब्यूरो बन गया है? इस प्रकार हम प्रश्न प्रस्तुत करते हैं। अगर नहीं, तो भारतीय जनता पार्टी का ड्रग कनेक्शन, जो सैंडलवुड में भी है, बॉलीवुड में भी है और गोवा में भी है। सवाल यह उठता है कि उसका एनसीबी अभी तक जांच क्यों नहीं कर रहा है। हालांकि, कर्नाटक में एक भाजपा कार्यकर्ता चंद्रकांत चव्हाण को पकड़ा गया और उनके पास से 1,200 किलोग्राम नशीला पदार्थ जब्त की गई। वहा पर भी कोई खास कार्यवाई नही की गई।
एनसीबी अब नमो कन्ट्रोल्ड ब्युरो हुईं है क्या? pic.twitter.com/0n62qSvVWI
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) September 24, 2020
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की स्टार प्रचारक रागिनी द्विवेदी को कर्नाटक में चंदन फिल्म उद्योग में ड्रग रैकेट के मुख्य आरोपी के रूप में पकड़ा गया है। एक ही मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें आदित्य अल्वा भी शामिल है। वह गुजरात में बीजेपी के स्टार प्रचारक विवेक की भाभी हैं। विवेक ओबेरॉय, नरेंद्र मोदी की बायोपिक बनाने वाले, फिल्म के निर्माता थे, जो संदीप सिंह के साथी भी हैं। दोनों को विशेष रूप से गुजरात सरकार द्वारा 177 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए आमंत्रित किया गया था।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भाजपा के महाराष्ट्र कार्यालय में किस नेता को संदीप सिंह ने 53 फोन कॉल किए, इसका खुलासा होना बाकी है। यह नहीं पता है कि मॉरीशस में किसने उनकी मदद की, इसका खुलासा क्यों नहीं हुआ, सचिन सावंत ने पूछा।
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