मंगलवार शाम 4 बजे अचानक हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपने अपने घरों को जाने के लिए बांद्रा स्टेशन के सामने पहुंच गए। इतनी बड़ी तादाद में मजदूरों के जमा होने के कारण प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए पुलिस ने आनन-फानन में लाठीचार्ज शुरू किया और इसके साथ ही बांद्रा स्टेशन परिसर को खाली कराया हालांकि इसके बाद अब इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है । ऐसे भी प्रमुख शरद पवार ने सभी पार्टी के नेताओं से आवाहन किया है कि कोरोना के संकट के समय राजनीति न की जाए बल्कि पूर्ण के प्रकोप को खत्म करने पर ध्यान दिया जाए
इस संबंध में, पवार ने कहा कि बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जो घटना हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण थी। किसी ने यह अफवाह फैलाई की ट्रेन शुरू हो जाएगी, राज्य के बाहर जाने के अवसर होंगे और बड़ी संख्या में लोग क्षेत्र के आसपास एकत्र होंगे। इससे सामाजिक भेद उत्पन्न होता है, और कोरोना के खिलाफ जारी हमारी जंग को और भी कमजोर करती है
नेताओं से आग्रह करना चाहूंगा कि हम जो राजनीतिक संघर्ष कर रहे हैं, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। लोकतंत्र में ये चीजें चलती हैं। लेकिन हम यह सोचने की स्थिति में नहीं हैं कि पूरे देश में संकट आने पर हम इससे लाभान्वित होंगे। तो कौन सी पार्टी की सरकार है। केंद्र में सत्ता में कौन है, इसके बावजूद, हम सभी को कोरोना को उस दिशा में हराने के इस एकतरफा कार्यक्रम को आगे बढ़ाना चाहिए।
सरकार ने राज्य के सभी नेताओं से आह्वान किया है कि वह बांद्रा के मुद्दे पर राजनीति ना करें और राज्य में कोरोना के संकट से लड़ने में सरकार की मदद करें।