मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ( uddhav thackeray) ने फेसबुक (facebook) लाइव के माध्यम से लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने लोगों को वर्तमान स्थिति में ट्रेन शुरू नहीं करने की जानकारी दी। इसके पहले दूसरे चरण का लॉकडाउन (lockdown) 3 मई तक होने के बाद सबकी नजरें इस बात पर टिकी थी कि, 3 मई के बाद ट्रेन चलाने की अनुमति सरकार द्वारा दी जाती है या नहीं? आपको बता दें कि करीब हजारों लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर (migrant labour) यानी दूसरे राज्यों से रोजी रोटी के लिए महाराष्ट्र और मुंबई में आए हुए मजदूर लॉकदौङबके कारण फंसे हुए हैं। उनकी तरफ से यह मांग की जा रही है कि तत्काल ट्रेन चलाकर उन्हें उनके गांव भेजा जाए।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि, महाराष्ट्र से मज़दूरों को उनके गांव भेजने के लिए केंद्र सरकार से लगातार चर्चा जारी है। जल्द ही कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा। लेकिन अभी इस समय ट्रेन चालू नहीं हो सकती।
उन्होंने आगे कहा, क्योंकि ट्रेन चलाने पर भीड़ बढ़ेगी, जिसके बाद लॉकडाउन भी बढ़ाना पड़ सकता है। इसीलिए केंद्र की तरफ से जैसे ही मंजूरी मिलती है वैसे ही हर को उनके गांव भेजने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी, लेकिन तब तक जो जहां है वहीं शांत होकर रहे।
दुसरे राज्य के मजदूर है, महाराष्ट्र के बाहर के लोग है जो अपने घर जाना चाहते है। हमारी बात चल रही है, जल्द से जल्द रास्ता जरूर निकालेंगे लेकिन एक बात जरूर की ट्रेन नहीं शुरू होने वाली। कोटा में हमारे कुछ स्टूडेंट है, उनके लिए भी हम काम कर रहे है।
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 26, 2020
महाराष्ट्र में लाखों की संख्या में जो प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं वे मुख्यरूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे आदि राज्यों से हैं।
लॉकडाउन के कारण इन मजदूरों के पास अब कोई काम नहीं बचा है। इनके पास पैसे भी नहीं हैं लिहाज इनके समक्ष खाने पीने की समस्या खड़ी हो गयी है। हालांकि सरकार ने इन सभी इन सभी के लिए आवास, भोजन और चिकित्सा जैसी सुविधा प्रदान की है, लेकिन ये सभी अब गांव लौटने की जल्दी में हैं।
इसके पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जानकारी देते हुए बताया था कि, उनकी और रेल विभाग द्वारा बातचीत जारी है। उन्होंने मजदूरों के लिए जल्द ही ट्रेन चलाने की मांग की है ताकि वे अपने गांव जा सके। इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा था।
लेकिन अभी हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि, अभी ट्रेन चलाना खतरनाक हो सकता है, बल्कि इसकी जगह मजदूर जहां हैं उन्हें वहीं रोजगार उपलब्ध कराया जाए।