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गौरी सावंत बनीं पहली ट्रांसजेंडर इलेक्शन ऐंबेसडर

ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए सावंत को इलेक्शन ऐंबेसडर बनाना काफी प्रभावी कहा जा सकता है।

गौरी सावंत बनीं पहली ट्रांसजेंडर इलेक्शन ऐंबेसडर
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लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक लोग घर से निकल कर वोट करें, महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने अनोखा कदम उठाया है। आयोग ने देश में पहली बार किसी ट्रांसजेडर को इलेक्शन कमीशन का ऐंबेसडर बनाया है। आयोग ने सामाजिक कार्यकर्ता गौरी सावंत को मतदाताओं को जागरूक करने और उन्हें वोट देने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। 

सावंत महाराष्ट्र में एक एनजीओ चलाती हैं और काफी वक्त से सामाजिक रूप से सक्रिय भी हैं। आयोग ने महाराष्ट्र की गृहणियों और ट्रांसजेंडर्स के बीच मतदान को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए उन्हें इलेक्शन ऐंबेसडर बनाया गया है।

आपको बता दें कि 2009 के लोकसभा चुनाव तक ट्रांसजेंडरों के लिए चुनाव आयोग ने कोई अलग से रजिस्ट्रेशन करने का कोई कानून नहीं बनाया था। लेकिन 2014 के चुनावों में पहली बार पुरुष और महिला मतदाताओं के बाद तीसरी श्रेणी के रूप में ट्रांसजेंडरों को भी तीसरे स्थान पर रखा गया। उस समय इस श्रेणी में 918 ट्रांसजेंडर मतदाता पंजीकृत हुए थे। लेकिन पांच साल में यह संख्या बढ़ कर दोगुनी हो गई है और अब यह संख्या बढ़ कर 2086 पर पहुंच चुकी है। मुंबई और उसके आसपास इलाकों की बात करें तो भिवंडी से 113, कल्याण से 184, मुंबई उत्तर से 324 तो मुंबई पूर्व से 123 ट्रांसजेंडर मतदाता रजिस्टर्ड हुए हैं। ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए सावंत को इलेक्शन ऐंबेसडर बनाना काफी प्रभावी कहा जा सकता है।

इस मौके पर गौरी सावंत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'मैं चुनाव आयोग के इस फैसले से बहुत खुश हूं। मेरी यही कोशिश होगी कि मैं महाराष्ट्र में रहने वाली घरेलू महिलाओं और सेक्स वर्कर्स को वोटिंग के लिए जागरूक कर सकूं।  

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