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आश्वासन देने के बाद भी नहीं माने किसान, लिखित में की मांग


आश्वासन देने के बाद भी नहीं माने किसान, लिखित में की मांग
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किसानों के मार्च में विरोध प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों को लिखित आश्वासन दिया था कि वे छह महीने में सभी मांगें पूरी करेंगे। यहां तक कि सदन में घोषणा की गई थी। हालांकि, सरकार द्वारा किए गए वादे छह महीने में भी नहीं पूरे किये गए । जिसके बाद किसानों ने एक बार फिर से गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन किया।

सरकार तक पहुंचने के लिए सैकड़ों मील की दूरी तय करनेवाले किसानों ने सरकार से एक बार फिर से लिखित आश्वासन देने की मांग की है। मुख्यमंत्री के आश्वासन पर किसानों को प्रतिज्ञा व्यक्त की है। घंटो चली लंबी बातचीत के बाद किसानों ने किसी भी तरह के मौखिक आश्वासन को मानने से इंकार दिया । किसान इस बात पर अड़े हुए है की उन्हे लिखित आश्वासन ही चाहिये। किसानों का प्रतिनिधिमंडल इस पर दृढ़ है।

एक घंटे तक चर्चा

मुख्यमंत्री ने बैठक में जाने के लिए 15 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल के बीच एक घंटे के लिए चर्चा हुई है। किसानों ने इस चर्चा में अपनी मांग रखी। मुख्यमंत्री ने उन्हें एक बार फिर से आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने कई आश्वासन दिये। हालांकी आश्वासन के बाद कोई भी सीएम की बातों पर भरोसा करने को तैयार नहीं था।

इस बीच, सरकार ने पहले लिखित आश्वासन दिया था। अब सवाल यह है कि क्या सरकार आश्वासन पूरा नहीं करेगी। हालांकी अब यह भी सवाल खड़ा हो गया है की आखिरकार किसानों का संघर्ष कब तक जारी रहेगा।

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