मुंबई - महाराष्ट्र की राजनीति में जल्द ही भूकंप हो आ सकता है। राज्य की राजनीति की ‘दादा’ शख्सियत के घरवापसी की संभावना जतायी जा रही हैं। महाराष्ट्र में उनके निर्वाचन क्षेत्र में अटकलों का बाजार तेज है। राज्य में मानो अश्वमेध के घोड़े की फुर्ती से आगे बढ़नेवाली बीजेपी को निकाय चुनावों में अपनी कर्मभूमि में रोकने का माद्दा साबीत करने के बाद इस नेता की राजनैतिक उपयुक्तता एक बार फिर देखने मिली। कभी यह नेताजी शिवसेना की तोप के रुप में जाने जाते थे। भारी मनमुटाव के बाद शिवसेना को ‘जय महाराष्ट्र’ करने के बाद उन्होंने शिवसेना खास कर पार्टीप्रमुख उद्धव ठाकरे को जहरीले वाग्बाणों से घायल करना नहीं छोड़ा। कहा जा रहा हैं कि, अब नेताजी का मन ‘आ अब लौट चलें’ के बोल गुनगुनाने लगा है। सूत्रों की माने तो अपना आक्रामक रवैया एक तरफ छोडकर नेताजी ने सुलह करने का मन बना लिया हैं। लेकिन, शिवसेना में फिरसे शामिल होना आसान नहीं हैं, यह बात पहले ही भांप चुके नेताजी अब अपने समर्थक 15 विधायकों के साथ शिवसेना के खेमे में जाने की बात मनवाने की कोशिश में जुट गए हैं। गौरतलब हैं कि, चन्द महिने पहले राजनैतिक रसूक रखनेवाले आध्यात्मिक गुरु के जरिए उन्होंने उद्धव ठाकरे को मनाने की कोशिश की थी, जो पूरी तरह असफल साबित हुई।
विद्यमान पार्टी में नेताजी का मन नहीं लग रहा। यही वजह थी कि, कुछ समय पहले उन्होंने बीजेपी में प्रवेश की संभावना को टटोलकर देखा था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिया गया प्रस्ताव रास न आने की सूरत में महत्त्वाकांक्षी नेताजी ने बीजेपी से मुंह मोड लिया था। दूसरी तरफ आज भी शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके शिवसेना प्रवेश को लेकर बिलकुल भी रुचि नहीं हैं, इस बात से अवगत होने के बावजूद संघर्ष के लिए पहिजाने जाने वाले यह नेताजी अपनी राह आसान करने के लिए हर संभव राजनैतिक पैंतरा अपनाने से परहेज नहीं करेंगे, यह बात खुदको उनका समर्थक कहनेवाले विधायक ने शर्तियां तौरपर कही है।