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3 साल पूरा हो गया लेकिन पारदर्शिता कहां है?


3 साल पूरा हो गया लेकिन पारदर्शिता कहां है?
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महाराष्ट्र सरकार को 31 अक्टूबर 2017 को तीन साल पूरे हो गए। 31 अक्टूबर 2014 को महायुति की सरकार सत्ता में आई थी। भाजपा सरकार द्वारा पारदर्शिता का मुद्दा चुनाव में जमकर उठाया गया था। कांग्रेस पर भ्र्ष्टाचार का आरोप लगाते हुआ बीजेपी ने अपनी सरकार में पारदर्शिता लाने का भरोसा दिया था। लेकिन बीजेपी के इसी राज्य सरकार के कई मंत्रियों पर पिछलें तीन सालों में कई आरोप लगे।

किन किन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप


पंकजा मुंडे - बीजेपी के स्वर्गिय वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे की पूत्री और महाराष्ट्र सरकार ने बाल विकास मंत्रालय संभाल रही पंकजा मुंडे का नाम चिक्की घोटाले में सामने आया। महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से राज्य में स्कूल के बच्चों के पोषक आहार खरिदने के लिए टेंडर निकाले गए। पंकजा मुंडे पर आरोप लगा की उन्होन ई टेंडर का इस्तेमाल किए बिना ही टेंडर निकाल दिए और घोटाला किया।

विनोद तावड़े - शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े पर भी फर्जी डिग्री का विवाद भारी पड़ा। ज्ञानेश्वर विश्वविद्यालय से उन्होने इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी। हालांकी इस ज्ञानेश्वर विश्वविद्यालय को सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई भी मंजूरी नहीं दी गई थी। जिसके बाद उनपर फर्जी डिग्री का आरोप लगा।

प्रकाश मेहता - पिछलें साल हुए मॉनसून अधिवेशन में गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता के लिए अच्छी खासी मुसीबत लेकर आया था। घाटकोपर के निर्मल होल्डिंग कंपनी को दिए गए 18 हजार 902 स्क्वायर मीटर की भूखंड को 2006 में म्हाडा ने वापस ले लिया था। लेकिन यही जमीन कुछ महिनो पहले गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता ने निर्मल होल्डिंग कंपनी को बेच दी थी, जिसके बाद उनपर भी घोटालों के आरोप लगे थे।


एकनाथ खडसे - पुणे एमआईडीसी भोसरी विवाद के कारण एकनाथ खडसे को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ गई थी। एकनाथ खड़से और उनके परिवार पर आरोप लगा की उन्होन बेहिसाब संपत्ति अपने नाम कर रखी है , जिसके लिए बकायदा हाईकोर्ट में एक एसआईटी बनाने की याचिका भी दी गई है।

गिरीश महाजन- 2001 में गिरीश महाजन ने कारखाने के नाम के तहत जलगांव जिले के भुसावल तालुका मैनपुर में जमीन ली । हालांकी चुनावी हलफनामे में उन्होने इस जमीन के बारे में जानकारी नहीं दी थी। जिसके बाद उनपर भी धोखाधड़ी के आरोप लगे।

गिरीश बापट - खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे। एनसीपी ने बापट पर दाल घोटाले करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। एनसीपी प्रलक्ता नवाब मलिक ने कहा की पल्स रेट को इस तरह से बढ़ाया गया जिससे व्यापारियों को लाभ पहुंचाया जा सके।

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