महायुति सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने एक कार्यक्रम मे कहा की हिंदी अब मुंबई की बोलचाल की भाषा बन गई है और यह मराठी की प्यारी बहन है। उन्होंने यह बयान मीरा भायंदर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया।
सरनाईक के बयान पर बवाल
सरनाईक के इस बयान से राज्य की राजनीति में मराठी/हिंदी भाषा संघर्ष की आशंका एक बार फिर जताई जा रही है और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। शिवसेना (उद्धव) के प्रवक्ता सांसद संजय राउत ने प्रताप सरनाईक के इस बयान की आलोचना की।
क्या कहा था प्रताप सरनाईक ने
प्रताप सरनाईक ने भाषण देते हुए कहा, “हिंदी अब मुंबई में बोली जाने वाली भाषा बन गई है, मराठी हमारी मातृभाषा है और हिंदी मुंबई की बोली भाषा है, मेरा विधानसभा क्षेत्र ठाणे और मीरा भाईंदर में फैला हुआ है, जब मैं ठाणे में होता हूं, तो लोगों से शुद्ध मराठी में बात करता हूं और जब मैं अपने भाईंदर जाता हूं, तो मेरे मुंह से अपने आप हिंदी निकल जाती है, आजकल हम लोग कहते हैं कि मराठी हमारी मातृभाषा है, हमारी मां है, लेकिन हिंदी हमारी प्यारी बहन है, अपनी प्यारी बहनों की वजह से ही हम 237 पार कर आज सत्ता में आए हैं।"
संजय राउत ने की आलोचना
प्रताप सरनाईक के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया मिल रही है। विपक्ष ने भी उनकी आलोचना शुरू कर दी है। शिवसेना (उद्धव) खेमे के प्रवक्ता सांसद संजय राउत ने प्रताप सरनाईक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "बाला साहेब ठाकरे ने मराठियों के कल्याण और मराठी की गरिमा को बनाए रखने के लिए शिवसेना की स्थापना की थी, उस समय कोई प्यारी बहन नहीं थी, ये वही लोग हैं जो कहते हैं कि हम बाला साहेब ठाकरे के वारिस हैं, उनके नेता से पूछिए कि मराठी के बारे में उनके क्या विचार हैं?
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर शिंदे सेना के मंत्री पर जमकर निशाना साधा है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि मुंबई पर पहला हक मराठियों का है और रहेगा।
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