इस समय कांग्रेस अध्यक्ष नेतृत्व को लेकर कंग्रेस (Congress) में मंथन चल रहा है। कई बड़े नेता सोनिया गांधी (sonia gandhi) और राहुल गांधी (Rahul gandhi) को फिर से नेतृत्व देने के पक्ष में हैं तो कई लोग नेतृत्व में बदलाव करने के पक्ष में हैं। इनमें से 23 बड़े नेताओं ने सोनिया गांधी (sonia gandhi) को पत्र भी लिखा है।
इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और मुंबई के पूर्व सांसद संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने ट्वीट कर एक के बाद एक कई सवाल उठाए हैं। निरुपम ने कहा है कि, यह सब कुछ राहुल गांधी को अध्यक्ष पद से हटाने की साजिश है। पहले जो षड्यंत्र बंद कमरों में रचा जाता था, वह एक पत्र में उभर कर आया है।
एक के बाद एक ट्वीट करते हुए निरुपम ने कहा, यह पत्र राहुल गाँधी का नेतृत्व भोथरा करने के लिए एक नया षडयंत्र है।
जो षडयंत्र बंद कमरों में रचा जाता था,वह एक पत्र में उभर कर आया है।
इसका एक ही जवाब है, राहुल जी अध्यक्ष न बनने की जिद्द छोड़ें और राज्यों में कॉंग्रेस की ढहती दीवारों को बचाएँ।
कॉंग्रेस को सिर्फ वही बचा सकते हैं।
यह पत्र राहुल गाँधी का नेतृत्व भोथरा करने के लिए एक नया षडयंत्र है।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) August 23, 2020
जो षडयंत्र बंद कमरों में रचा जाता था,वह एक पत्र में उभर कर आया है।
इसका एक ही जवाब है, राहुल जी अध्यक्ष न बनने की जिद्द छोड़ें और राज्यों में कॉंग्रेस की ढहती दीवारों को बचाएँ।
कॉंग्रेस को सिर्फ वही बचा सकते हैं। pic.twitter.com/T0yjaQbr9Q
संजय निरुपम ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी और उससे जुड़े संगठनों में कलहबाजी हमेशा से ही रही है। लेकिन गांधी परिवार के खिलाफ इस तरह का षड्यंत्र पहले कभी नहीं हुआ। राहुल गांधी के खिलाफ लगातार षड्यंत्र रचते गए हैं लोग। और ये षड्यंत्र AICC में बैठे कुछ लोग हमेशा से ही रचते रहे हैं। मैं सबके बारे में नहीं कह रहा हूं, जि्होंने साइन किया है। कई लोग अच्छे भी हो सकते हैं। लेकिन कुछ लोग हैं, जो हमेशा से राहुल जी के खिलाफ साजिश रचते रहे हैं। उनकी वजह से ही कांग्रेस का नेतृत्व कमजोर हुआ है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।'
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, "सोनिया गांधी को इस्तीफा क्यों देना चाहिए?" इसके विपरीत, कांग्रेस कार्यकारिणी (CWC) के सदस्य इस्तीफा देकर अलग क्यों नहीं हुए? राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में हार की जिम्मेदारी स्वीकार करने के बाद इस्तीफा दे दिया था। तो क्या कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्यों की कोई जिम्मेदारी नहीं है? कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्यों ने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बड़े बदलावों की मांग रखी है। इन नेताओं में कांग्रेस कार्यसमिति के कई सदस्यों के अलावा पांच पूर्व मुख्यमंत्री, कई सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।
सोनिया गांधी को भेजी गई चिट्ठी में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्रियों- आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, सांसद विवेक तनखा, AICC और CWC के मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद के नाम हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्रियों भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भटट्ल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी और मिलिंद देवड़ा के भी पत्र पर हस्ताक्षर हैं। प्रदेश कमिटियां संभाल चुके राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली और कौल सिंह ने भी चिट्ठी को समर्थन दिया है। इसके अलावा अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री और संदीप दीक्षित के भी हस्ताक्षर हैं
चिट्ठी में कहा गया कि कांग्रेस ऐसे समय में कमजोर पड़ी है जब देश 'सबसे बुरे राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संकट' से गुजर रहा है। नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के सालभर बाद भी पार्टी ने 'आत्मनिरीक्षण' नहीं किया है।