लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में इस्तीफे और मंथन का दौर शुरु हो गया है। जहां एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यकारीणी बैठक में इस्तीफे की पेशकश की है तो वहीं दूसरी ओर राज्य कांग्रेस अध्यक्ष भी अब अपना इस्तीफा दे रहे है। उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के इस्तीफे के बाद अब महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण भी इस्तीफा दे सकते है। अशोक चव्हाण लोकसभा चुनाव में अपनी सीट भी नहीं बचा पाए है।
अशोक चव्हाण के नेतृत्व में राज्य में कांग्रेस बेहद खराब प्रदर्शन किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें मिली थी तो वही साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली। तो वही राज्य में कांग्रेस की साथी एनसीपी को 5 जगहों पर जीत मिली है। नांदेड़ सीट से खुद अशोक चव्हाण को बीजेपी के प्रतापराव चिखलीकर ने 40
हजार से अधिक मतों से हराया है।
क्या था नांदेड़ का गणित
महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को दूसरे चरण में वोटिंग हुई थी। इस सीट से 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार नांदेड़ लोकसभा सीट पर 65.15 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया था। इस संसदीय क्षेत्र में कुल 17 लाख 17 हजार 830 मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन कुल 11 लाख 19 हजार 210 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
1980 और 1984 में अशोक चव्हाण के पिता शंकरराव चव्हाण इस सीट से जीते, जो केंद्र में मंत्री भी रहे। अशोक चव्हाण यहां से 1987 और 2014 का लोकसभा चुनाव जीतकर पहुंचे थे।