नागरिकता संशोधन बिल को लेकर शिव सेना और और उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस में टकराव हो सकता है। इस बिल को लेकर जहां कांग्रेस काफी विरोध कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ शिव सेना ने इसके समर्थन में लोकसभा में वोट दिया था और राज्यसभा से वॉक आउट करके एक तरह से बीजेपी को काम बहुमत सिद्ध करने का मौका दिया था। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों में पारित होने और माननीय राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के बाद अब यह बिल कानून का रूप ले चुका है।
क्या कहा थोराट ने?
शुक्रवार को जब पत्रकारों ने कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष और उद्धव ठाकरे सरकार के कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोराट से जब सवाल पूछा कि, क्या महाराष्ट्र में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) लागू होगा? तो थोराट ने जाब देते हुए कहा, हम अपनी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नीति का पालन करेंगे।
Maharashtra Minister and Congress leader Balasaheb Thorat on being asked if Maharashtra will implement #CitizenshipAmendmentAct: We will follow the policy of our party's central leadership. pic.twitter.com/9GrqeIuKGE
— ANI (@ANI) December 13, 2019
थोराट के इस बयान का सीधा मतलब है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस CAB को लागू नहीं होने देगी। अब महाराष्ट्र राजनीती के थोराट के इस बयान को अलग-अलग संदर्भ में ले रहे हैं, क्योंकि इस बयान से महाराष्ट्र में चल रही गठबंधन सरकार पर असर पड़ सकता है।
शिव सेना से नाराज कांग्रेस?
इसके पहले इस बिल को गृह मंत्री अमित शाह ने जब लोकसभा में पेश किया था तब शिव सेना के सांसदों में इसके समर्थन में वोट दिया था। उस समय शिव सेना के इस रवैये से कांग्रेस नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नाराज हो गये थे। उन्होंने परोक्ष रूप से नाराजगी प्रकट करते हुए ट्वीट कर कहा था कि, जो कोई भी इसका समर्थन करता है वो हमारे देश की बुनियाद पर हमला और इसे नष्ट करने का प्रयास कर रहा है।'
इसके बाद जब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया, वहां शिव सेना ने इसका विरोध तो किया लेकिन जब वोट देने की बारी आई तो शिव सेना ने वॉक आउट कर दिया, जिससे बीजेपी को इस बिल को पास कराने में आसानी हो गयी। राज्यसभा में शिव सेना के इस रबैये के बाद एक बार फिर यह खबर सामने आई कि, इससे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नाराज बताई जा रही हैं।
क्या कारीग शिव सेना?
लेकिन शुक्रवार को कांग्रेस नेता थोराट ने बिल के खिलाफ बयान देकर एक रह से शिव सेना को आगाह किया है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में जब यह बिल देश भर में लागू होगा तो महाराष्ट्र कांग्रेस का क्या रुख रहता है?
आपको बता दें कि इस बिल का विरोध पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब, मध्य प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र की भी सरकार कर रही है। यही नहीं इस बिल को लेकर देश के पूर्वोत्तर राज्यों में भी काफी विरोध हो रहा है। हालात ये हैं कि असम के कुछ जिलों इंटरनेट भी बंद करना पड़ा। जबकि त्रिपुरा में भी इंटरनेट को बंद किया गया।