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हफ्ते में 5 दिन काम को लेकर सरकार के मंत्रियों में मतभेद, अजित पवार और बच्चू कडू फैसले से नहीं हैं खुश

कृषी राज्यमंत्री बच्चू कडू (bacchu kadu) जहां सरकार के इस फैसले से नाराज बताये जा रहे हैं तो वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार (ajit pawar) भी इस फैसले से खुश नहीं हैं।

हफ्ते में 5 दिन काम को लेकर सरकार के मंत्रियों में मतभेद, अजित पवार और बच्चू कडू फैसले से नहीं हैं खुश
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महाराष्ट्र सरकार (maharashtra government) द्वारा सरकारी कर्मचारियों (government employee) के लिए हफ्ते में 5 दिन ही काम (working 5 days) करने के नियम को लेकर मंत्रियों के बीच ही आपस में मतभेद देखने को मिल रहे हैं। कृषी राज्यमंत्री बच्चू कडू (bacchu kadu) जहां सरकार के इस फैसले से नाराज बताये जा रहे हैं तो वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार (ajit pawar) भी इस फैसले से खुश नहीं हैं। आपको बता दें कि उद्धव सरकार (uddhav thackeray)ने जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी (state employee) हफ्ते में 5 दिन ही काम करेंगे। यह नियम 29 फरवरी से लागू होगा।  

कृषि राज्य मंत्री बच्चू कडू लगातार सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की मनमानी के विरोध में आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने हफ्ते में मात्र 5 दिन काम करने के निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि, 5 दिनों के बजाय कर्मचारियों से 2 दिन ही काम कराया जाना चाहिए, बाकी दिन छुट्टी घोषित कर दो।

उन्होंने सवाल उठाया कि, असली मुद्दा यह है कि सरकारी कर्मचारी दिन नहीं बल्कि कितना काम करते हैं? काम करने वाले और काम नहीं करने वाले कर्मचारियों का मूल्यांकन कब किया जाएगा? अगर सप्ताह के 5 दिन काम कराते हो तो  वेतन भी काम पर आधार पर ही तय होना चाहिए।

इस बारे में जल वितरण और स्वच्छतामंत्री गुलाबराव पाटील (Gulabrao Patil) का कहना है कि वे सरकार के इस निर्णय का समर्थन करते हैं। 5 दिन बाद अगर मंत्रालय एक दिन बंद रहता है तो एक दिन का खर्चा बच जाएगा। काम के आधार पर पगार देने के लिए क्या  थर्मामीटर लगाना पड़ेगा?

बताया जाता है कि सरकार के इस फैसले से उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी संतुष्ट नहीं हैं। पवार ने आशंका व्यक्त की है कि इससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो सकता है। पुराने नियम ही पक्षधर पवार का कहना है कि अगर हफ्ते में 5 दिन काम करना होगा तो काम वाले दिनों की टाइमिंग बढ़ानी पड़ेगी, लेकिन जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों की मानसिकता बनी हुई है, ऐसा नहीं लगता है कि वे वोर्किंग दिन में अधिक देर तक काम करेंगे।

आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ही इस प्रस्ताव को पास करने के लिए अड़े हुए थे, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों के कई संगठन इस बारे में उन्हें कई बार ज्ञापन सौंप चुके है।

पढ़ें: महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी अब सप्ताह में करेंगे सिर्फ 5 दिन काम

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