पूर्व मुख्यमंत्री और विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (devendra fadnavis) ने दावा किया था कि, आरे (aarey) में बनने वाले मेट्रो कारशेड (metro carshed) के लिए 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन फडणवीस के इस दावे को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
'आरे बचाओ' (save aarey) आंदोलन के समर्थक और पर्यावरणविद् जोरु बाथेना (zor bathena) ने फडणवीस के दावे का खंडन किया है। बाथेना ने 70 करोड़ का हिसाब देते हुए फडणवीस से यह भी पूछा कि बाकी के 330 करोड़ रुपये कहां गए?
आरटीआई (RTI) कानून के तहत एमएमआरसी (MMRC) की तरफ से जो आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं, उसका विश्लेष्ण करते हुए पर्यावरणविद जोरू बाथेना ने पूर्व बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश की। बाथेन ने कहा, कार शेड के लिए 5 करोड़ रुपये पेड़ काटने के लिए, 27 करोड़ रुपये जमीन के लेवल के लिए, 2 करोड़ रुपए ड्रेनेज लाइन बनाने और पाइपलाइन हटने के लिए, अस्थायी शेड के निर्माण के लिए 17 करोड़ रुपये, सीमेंट के लिए 20 करोड़ रुपये और आरसीसी व सीमेंट कार्य के लिए 70 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। तो बाकी के 330 करोड़ रुपये कहां गए?
Dear @Dev_Fadnavis
— Zoru Bhathena (@zoru75) October 21, 2020
You claim your Govt spent Rs 400 Cr on Aarey Depot
𝐁𝐮𝐭, 𝐌𝐞𝐭𝐫𝐨𝟑 𝐬𝐩𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐑𝐬 𝟕𝟎 𝐂𝐫
(𝐑𝐬 𝟑𝟒𝐂𝐫 𝐭𝐨 𝐝𝐞𝐬𝐭𝐫𝐨𝐲 𝐀𝐚𝐫𝐞𝐲
+ Rs 17Cr for temp sheds
+ just Rs 20Cr for RCC work)
We wonder where the balance Rs 330 Crores went?🤔 https://t.co/eDK278l7FX pic.twitter.com/df7pwCBGzw
इसके पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के उस फैसले की कड़ी आलोचना की थी, जब ठाकरे सरकार ने मेट्रो कार शेड को आरे से शिफ्ट कर कांजूर मार्ग ले जाने की घोषणा की। यही नहीं, फडणवीस ने कुछ दस्तावेजों के आधार पर इस कार्य में भारी भरकम खर्च होने का आरोप भी ठाकरे सरकार पर लगाया।
फडणवीस ने कहा था कि, मेट्रो शेड को आरे से कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने का राज्य सरकार का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि, इसी सरकार द्वारा गठित एक समिति ने कहा था कि अगर मेट्रो कार शेड को कंजूर मार्ग शिफ्ट किया जाता है, तो 4,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान उठाना पड़ेगा। यह परियोजना अगले साल तक मुंबईकरों की सेवा में हाजिर होने वाली थी, लेकिन अब अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो जाएगी। 'आरे' कार शेड के लिए पहले ही 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। कार शेड पर सरकार द्वारा रोक लगाने के कारण पहले ही 1,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इसके अलावा, देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि कार शेड बनने में देरी के कारण सरकार के खजाने पर 4,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।