महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) यानी मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने कहा है कि उन्होंने अपने महाअधिवेशन में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को समर्थन देने की बात नहीं किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया ने उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया। उन्होंने कहा कि मैंने सीएए का समर्थन नहीं किया, लेकिन अवैध पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को देश से बाहर करने की बात कही थी। मेरे इस बयान का मीडिया ने गलत अर्थ निकाल लिया।
मंगलवार को राज ठाकरे ने अपने निवास स्थान कृष्णकुंज में पार्टी के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक किया। इस बैठक में राज ठाकरे ने अपने नेताओं के साथ सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) मुद्दे पर बात की। जिसके बाद यह बयान जारी किया गया कि मनसे ने CAA और NRC जैसे मुद्दे का कभी समर्थन नहीं किया। पार्टी का कहना था कि, उन्होंने केवल भारत में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को निकाले जाने की बात कही थी।
मनसे की तरफ से जानकारी दी गयी कि, उनकी तरफ से 23 जनवरी को जो मराठी में ट्वीट किया गया था उसमें यह बताया गया था कि, देश में अवैध रूप से रहने वाले घुसखोर पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों के मुस्लिमों को देश से बाहर निकाला जाए और इसके लिए केंद्र सरकार को मेरी तरह से पूरा समर्थन है।
सूत्रों के अनुसार, राज ठाकरे और पदाधिकारियों के बीच जो बात हुई उसके मुताबिक केंद्र सरकार के सीएए कानून का समर्थन करने के लिए नहीं, बल्कि भारत में रहने वाले घुसखोर बांग्लादेशी और पाकिस्तानी को बाहर निकालने के लिए किया। यही नहीं मनसे इस बाबत 9 फरवरी को एक रैली भी निकाल सकती है।
मनसे की तरफ से 23 जनवरी को ही ट्वीट कर बताया गया था कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बांग्लादेश और पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले मुसलमानों को बाहर निकालने के लिए 9 फरवरी को मुंबई में एक रैली का आयोजन करेगी। और इसी रैली में वह CAA और NRC के पर भी अपना रुख तय करेगी।
आपको बता दें कि अपने महाअधिवेशन में और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की 94वीं जयंती के मौके पर अपने बेटे अमित ठाकरे को औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल किया साथ ही हिंदुत्व पर भी बात की।