महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ईवीएम के मुद्दे को अब राष्ट्रिय स्तर पर ले जाना चाहते हैं, इसी के मद्देनजर वे तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी से मिलने के लिए मंगलवार की सुबह कोलकाता रवाना हुए।
EVM के पक्के विरोधी हैं राज ठाकरे
ईवीएम के विरोध में राज ठाकरे हमेशा से ही मुखर रहे हैं, हालांकि इस लोकसभा चुनाव में राज ने एक भी उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था। लेकिन बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत पर जिस तरह से तमाम पार्टियों ने सवाल उठाया था, उनमें से एक राज ठाकरे की पार्टी मनसे भी थी।
इस ईवीम को लेकर अभी हाल ही में राज दिल्ली जाकर मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की, साथ ही कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर ईवीएम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने की भी अपील की।
ममता का साथ क्यों?
अब जबकि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं, तो ऐसे में राज ठाकरे भी अपने उम्मीदवार खड़ा करना चाहते हैं। लेकिन उन्हें आशंका है कि बीजेपी ईवीएम में छेड़छाड़ करके फिर से बहुमत हासिल कर सकती है। यही नहीं राज ठाकरे ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर चुनाव बैलेट पेपर से नहीं हुए तो उनकी पार्टी इस चुनाव का बहिष्कार करेगी।
इसीलिए चुनाव से पहले ही वे ईवीएम को मुद्दे को राष्ट्रिय स्तर पर भुनाना चाहते हैं और उन्हें ममता बैनर्जी से अच्छा सहयोगी नहीं मिल सकता, क्योंकि ममता की बीजेपी से दुश्मनी जग जाहिर है। वे आये दिन पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधती रहती हैं, जबकि राज ठाकरे भी जम कर मोदी और शाह पर निशाना साधते रहते हैं।
राज ठाकरे ने ईवीएम के खिलाफ 9 अगस्त को आंदोलन करने का फैसला किया है। अब राज ठाकरे इस आंदोलन के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियों का समर्थन हासिल करना चाहते हैं, इसीलिए वे अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिल रहे हैं।