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बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर राज ठाकरे ने दी चेतावनी, कहा- तो फिर हमें ही झटका देना पड़ेगा

मनसे अध्यक्ष ने कहा, राज्य सरकार को महावितरण और BEST जैसे सरकारी प्रतिष्ठानों को तत्काल आदेश देना चाहिए और निजी बिजली कंपनियों को भी सख्त चेतावनी देनी चाहिए अन्यथा हमें इन निजी बिजली कंपनियों को झटका देना होगा।

बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर राज ठाकरे ने दी चेतावनी, कहा- तो फिर हमें ही झटका देना पड़ेगा
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बढ़े हुए बिजली बिल (electricity bill) को लेकर लोगों में पहले से ही नाराजगी फैली हुई है। इस पर कई सेलिब्रिटी भी आपत्ति जता चुके हैं। अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (maharashtra navnirman sena) के अध्यक्ष राज ठाकरे (raj thackeray) ने भी बिजली बिल को लेकर नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने कहा, लॉकडाउन (lockdown) के कारण पहले ही आम आदमी की जेब में पैसा नहीं है। इसके अलावा, बिजली कंपनियों द्वारा भेजे जा रहे बिजली बिल ने एक मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है। क्या आम आदमी के सामने समस्या यह है कि, वह बिजली का बिल भरे या फिर खाने-पीने की व्यवस्था करे। बढ़ती हुई बिजली के बिलों के खिलाफ शहरी और ग्रामीण लोगों में असंतोष बढ़ रहा है।

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे (raj thackeray) ने कहा है कि मुख्यमंत्री को तुरंत ध्यान देना चाहिए और बिजली के बिल में राहत देनी चाहिए और निजी बिजली कंपनियों को भी सख्त चेतावनी देनी चाहिए, अन्यथा हमें इन निजी बिजली कंपनियों को करारा झटका देना पड़ेगा। इस बाबत राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को पत्र भी लिखा है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) को लिखे पत्र में, राज ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना (Covid-19) की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मुद्दे की अनदेखी कर रही है, या इस मुद्दे पर लोगों की परेशानियां उन तक नहीं पहुंच पा रही हैं, इसलिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहती है।

पत्र में आगे लिखा गया है कि, चाहे वह निजी बिजली कंपनियां हों, चाहे महावितरण हो या BEST, इन सभी ने मिलकर राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को एक बड़ा झटका दिया है।  जून के महीने के लिए ग्राहकों को जो बिल भेजे गए हैं, वे सचमुच आम आदमी की आंखों को सफेद कर रहे हैं।  मार्च, अप्रैल और मई के तीन महीनों के लिए औसत बिजली बिल भेजने के बाद, जून-जुलाई में उपभोक्ताओं पर बिजली की खपत और उन तीन महीनों में औसत बिजली बिल के बीच अंतर को कम किया जा रहा है।

पत्र के जरिये उन्होंने कहा, अंतर के नाम पर जितने बिल भेजे गए हैं, उससे एक तरह से लूटने का ही काम हो रहा है। यहां तक कि तालाबंदी के कारण पिछले तीन महीने से व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद थे, लेकिन उनसे भी औसत बिजली बिल के नाम पर बिल वसूला जा रहा है। कई व्यवसाय तालाबंदी के कारण बंद हो गए हैं, साथ ही कई प्रतिष्ठानों ने छंटनी शुरू कर दी है।  ऐसे समय में जब गुजारा बसर करने की गारंटी नहीं है, तो आम आदमी ये बिजली के बिल को कैसे भर पाएगा। इससे आम आदमी की कमर टूट गयी है यह उनके लिए एक बड़ा झटका हैं।

आगे लिखा गया है कि, कोरोना (Coronavirus) की स्थिति दयनीय थी और इसलिए राज्य के लोग, राजनीतिक दल, सभी सरकार के साथ एकजुट थे और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे, लेकिन सरकार को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि लोग और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ऐसे मुद्दों पर चुप रहेंगे।

राज ठाकरे ने पत्र के जरिये कहा, सभी इस बात से सहमत हैं कि राज्य को राजस्व की समस्या है, लेकिन यह लोगों की जेब में छेद करने का एकमात्र तरीका नहीं हो सकता है।  इसलिए, मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और बिजली बिल में तत्काल राहत देनी चाहिए। 

मनसे अध्यक्ष ने कहा, राज्य सरकार को महावितरण और BEST जैसे सरकारी प्रतिष्ठानों को तत्काल आदेश देना चाहिए और निजी बिजली कंपनियों को भी सख्त चेतावनी देनी चाहिए अन्यथा हमें इन निजी बिजली कंपनियों को झटका देना होगा।

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