दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज के कार्यक्रम पर बोलते हुए, एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपना गुस्सा व्यक्त किया। राज ठाकरे ने मरकज के लोगों द्वारा अस्पताल के सदस्यों के साथ अशिष्ट व्यवहार करने पर बोलते हुए कहा कि, मरकज़ लोगों की गोली मार देनी चाहिए। उन्होंने कहा, वोटिंग के समय मुसलमानों को किसे वोट देना चाहिए, यह बताने वाले मुल्ला इस समय कहाँ हैं। राज ठाकरे अपने निवास स्थान पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया कर्मियों से मुखातिब थे।
नाराज राज ठाकरे ने कहा, इनके लिए एक अलग विभाग बनाया जाना चाहिए या फिर इनका उपचार बंद होना चाहिए। उन्हें लगता है कि ऐसे दिनों मे धर्म देश से भी बड़ा है।
राज ने कहा, नोट पर थूक लगा रहे है, सब्जियों पर थूक लगा रहे हैं, नर्सों के सामने नंगे घूम रहे हैं। ऐसे लोगों का वीडियो वायरल करना चाहिए, तब सभी को विश्वास होगा। राज के अनुसार, इस पर पीएम को खुद संज्ञान लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, हालांकि इस समय धर्म वगैरह पर बात करना ठीक नही है लेकिन, अगर लॉकडाउन है तो हम हैं।
बकौल राज ठाकरे, लॉकडाउन को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लोगों के सामने राशन, सब्जी को लेकर जैसे कई सवाल उठ रहे हैं, सरकार कई जगहों पर लोगों को उपलब्ध करा रही है। लेकिन एक बात मुझे डर है कि अगर लॉकडाउन बढ़ा दिया जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। कारोबार प्रभावित होगा। पहले से ही वेतन आधा हो गया है। यह जितना अधिक दिन तक बढ़ेगा परिणाम उतना अधिक होगा। अगर अनुशासन का पालन नहीं किया गया तो और संकट होगा। इस पर मोदी से कुछ कहने की उम्मीद की जा रही थी।
उन्होंने आगे कहा, "लॉकडाउन का पालन करने वाले लोगों के मन मे डर है कि, क्या नौकरी बची रहेगी? क्या कल सब्ज़ियाँ मिलेंगी? ऐसे सवाल उन्हें सता रहे हैं। यह उन लोगों के कारण हो रहा है जो अनुशासित नहीं हैं।
चैनल और व्हाट्सएप पर जो खबरें आती हैं उसे देख कर में हैरान हूं। आजकल हर घर में एक डॉक्टर हो गया है, कोई कहता है कि गोमूत्र पियो, लहसुन खाओ, प्याज खाओ…. वे जीवन को खतरे में डालने का काम कर रहे हैं।
मनसे अध्यक्ष ने कहा, इस जानलेवा संकट में पुलिस, नर्स और डॉक्टर देर रात तक काम कर रहे हैं। यदि इन पर हमला किया जाता है तो हमला करने वाले को सबक सिखाया जाना चाहिए।