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रक्षा मंत्री अपने पद से तत्काल इस्तीफा दें- अशोक चव्हाण

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने अब बीजेपी पर हमला करते हुए राफेल डील को देश का सबसे बढ़ा रक्षा घोटाला बताया, साथ ही पीएम मोदी सहित रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इन्होने देश की जनता के साथ विश्वासघात किया है। सीतारमण को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

रक्षा मंत्री अपने पद से तत्काल इस्तीफा दें- अशोक चव्हाण
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राफेल डील को लेकर कांग्रेस किसी भी कीमत पर बीजेपी को छोड़ना नहीं चाहती। केंद्र में जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पीएम मोदी पर लगातार हमला कर रहे हैं तो वहीं महाराष्ट्र में भी कांग्रेस बीजेपी को घेरने में लग गयी है। 

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने अब बीजेपी पर हमला करते हुए राफेल डील को देश का सबसे बढ़ा रक्षा घोटाला बताया, साथ ही पीएम मोदी सहित रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इन्होने देश की जनता के साथ विश्वासघात किया है। सीतारमण को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अब इस मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने को लेकर कांग्रेस 27 सितंबर को मोर्चा का आयोजन करने जा रही है।


मोदी को देश नहीं व्यापारी दोस्तों की चिंता 
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चव्हाण ने पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति द्वारा दिए गए बयान का समर्थन किया और कहा कि राफले सौदा भारत के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि भारत सरकार ने जेट सौदे में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस डिफेंस का प्रस्ताव दिया था और इसके बाद फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था। चव्हाण ने कहा कि मोदी को देशहित की नहीं उनके व्यापारी दोस्तों की चिंता है। मोदी अपने व्यापारी दोस्तों के फायदे के लिए देश चला रहे हैं।

आरोप लगाते हुए चव्हाण ने पीएम को कहा कि देश के सैनिकों की सुरक्षा को ताक पर रख कर मोदी अनिल अंबानी के फायदे के लिए ही राफेल डील बदल दिया।


कीमत क्यों हुई महंगी 
चव्हाण ने कीमतों को लेकर कहा कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर सौदा करने के आरोप में आरोप लगाया है। यूपीए सरकार के दौरान, कांग्रेस ने 126 राफले जेटों के लिए 526 करोड़ पर प्रत्येक विमान के लिए कीमत तय की थी। हालांकि, मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद, यह दर 1670 करोड़ हो गई।

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