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विधान सभा के अध्यक्ष के बिना विधानमंडल का तीसरा सत्र


विधान सभा के अध्यक्ष के बिना विधानमंडल का तीसरा सत्र
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एक तरफ विपक्षी बीजेपी (BJP) ने विधानसभा चुनाव गुप्त मतदान से कराने की मांग की है। विधानमंडल के वर्षा सत्र के पहले दिन विधान सभा (vidhan sabha) और विधान परिषद (vidhan parishad)  के अध्यक्ष की नियुक्ति की गई।

विधानसभा सदस्य भास्कर जाधव, दिलीप बांकर, कालिदास कोलंबकर और कुमारी प्रणीति शिंदे को विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया।  विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने सोमवार को विधानसभा में इन सदस्यों के चयन की घोषणा की।

मानसून सत्र के लिए अध्यक्ष रामराजे नाइक-निंबालकर ने सदस्य डॉ. रंजीत पाटिल, डॉ. मनीषा कायंडे, अरुण लाड और डॉ. वजाहत मिर्जा को नियुक्त किया। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस (कांग्रेस) समिति के अध्यक्ष नाना पटोले के इस्तीफे के बाद इस साल मार्च में हुए बजट सत्र को विधानसभा अध्यक्ष के बिना पारित कर दिया गया।   इसके बाद उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में बरसात का सत्र होगा।  बिना स्पीकर के राज्य विधानमंडल के इतिहास में यह तीसरा सत्र होगा।  1980 में शिवराज पाटिल के इस्तीफे के बाद, शीतकालीन सत्र बिना अध्यक्ष के पारित हो गया था।

कांग्रेस ने यह भी मांग की थी कि नाना पटोले के इस्तीफे के कारण विधानसभा अध्यक्ष के रिक्त पद के लिए उसी सत्र में चुनाव कराए जाएं।  राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (कांग्रेस) को पत्र लिखकर राष्ट्रपति चुनाव कराने का निर्देश दिया था।  हालांकि कहा जा रहा है कि शिवसेना और राकांपा ने इस अधिवेशन में अध्यक्ष का चुनाव न कर कांग्रेस को फिर से उलझा दिया है।

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