मुंबई सहित महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले कम होने का नाम ही नहीं के रहे हैं। दिनों दिन स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि मुंबई के अस्पतालों पर कोरोना मरीजों का बहुत ज्यादा दबाव है। इसलिए केवल गंभीर और आपातकालीन स्थिति वाले मरीजों को ही अस्पताल में बेड मिलना चाहिए।
न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार, महापौर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि लोगों की रिपोर्ट जब कोरोना पॉजिटिव आती है तो वे अस्पताल में दाखिल होना चाहते हैं लेकिन मुंबई में हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। इसलिए उन्हीं मरीजों को बेड मिलना चाहिए जिनकी तबियत ज्यादा खराब हो।
वैसे देखा जाए तो यह बात सही है कि देश के अन्य शहरों की अपेक्षा मुंबई की स्थिति कोरोना के मामले में काफी दयनीय है। यहाँ अस्पतालों में मरीजों की काफी भीड़ है। इस स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अस्पतालों से इतर भी मुंबई के कई स्थानों पर कोविड सेंटर बनाया है।
यही नहीं इसलिए प्राइवेट अस्पतालों को इसी बाबत दिशा निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना के मरीजों के लिए 80 फीसदी बेड आरक्षित किए जाए, ताकि वहां भी कोरोना के मरीजों को समायोजित किया जा सके।
महाराष्ट्र सरकार खरीदेगी दवा
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार रेमेडिसविर दवा की 10,000 शीशियों की खरीद करेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन का सुझाव है कि यह दवा कोरोना वायरस महामारी के उपचार में कुछ सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।