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कोरोना से हुई मौत के आंकड़ें छुपाने के लिए कार्रवाई होनी चाहिए- फडणवीस


कोरोना से हुई मौत के आंकड़ें छुपाने के लिए कार्रवाई होनी चाहिए- फडणवीस
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राज्य सरकार द्वारा किए गए एक पुन: निरीक्षण कार्य में यह तथ्य सामने आया कि मुंबई सहित राज्य भर में कोरोना से हुई 1328 ऐसी मौतें थीं जिन्हें छुपाया गया था। परिणामस्वरूप, इस तथ्य के सामने आने के बाद अब राज्य में कोरोना यानी Covid-19 से कुल मरने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 5,456 हो गई है। अब इस बात को लेकर राजनीतिक चिंगारी भी सुलगने लगी है। विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस(devendra fadnavis) ने सरकार को घेरते हुए पूछा है कि, जो लोग पिछले 3 महीनों से कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े छिपा रहे हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?

राज्य सरकार द्वारा की गई जांच में कोरोना से हुई मौत की संख्या में वृद्धि होने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, आखिरकार, सच्चाई सामने आ गई है। सरकार ने मंगलवार को मुंबई में 862 और अन्य जिलों में 466 लोगों की कोरोना से हुई मौत की घोषणा की थी।

फडणवीस ने कहा कि, अब जब नए आंकड़े दर्ज हो गए हैं तो राज्य सरकार से मेरा अनुरोध है कि आंकड़ों के संशोधन की इस प्रक्रिया को नाम दिए बिना, यह बताएं कि पिछले 3 महीनों से इन आंकड़ों को छिपाने वाले लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने मांग की कि, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

 फडणवीस और अन्य भाजपा नेता पहले सेे ही लगातार राज्य सरकार पर मौत का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब सच्चाई सामने आने के बाद तो जैसे विपक्ष को सत्ता पक्ष ने हमला करने का खुद मौका दे दिया।

बढ़ी हुई संख्याओं में अहमदनगर 1, अकोला 14, अमरावती 6, औरंगाबाद 33, बुलढाणा 2, धुले 12, जलगाँव 34, जालना 4, लातूर 3, नांदेड़ 2, नासिक 28, उस्मानाबाद 3, पलगाना 11, परभनी 1, पुणे 85, रायगढ़ 14 शामिल हैं।  रत्नागिरी 1, सांगली 4, सतारा 6, सिंधुदुर्ग 3, सोलापुर 51, ठाणे 146, वाशिम 1, यवतमाल 1 यानी कुल 466 के साथ-साथ मुंबई में 862 कोरोना से हुई मौते शामिल हैं। इस तरह से कुल संख्या 1328 तक पहुंच गया है।

इस पर सफाई देते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि, Covid -19 रोगियों के बारे में जानकारी विभिन्न जिलों के अस्पतालों से पोर्टल पर भरी जाती है।  राज्य सरकार इस जानकारी की स्वतः जाँच करती है। इकट्ठा हुई जानकारी को वेब पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाता है।  इसलिए, भले ही आंकड़ों में बढ़ोतरी हो, उद्देश्य पर संदेह करने का कोई कारण नहीं होना चाहिए। 

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