भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष एडवोकेट प्रकाश आंबेडकर ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ चुनावी गठबंधन की घोषणा करके एक नयी राजनीति को जन्म दे दिया है। इसी बात को लेकर गुरुवार को जब प्रकाश आंबेडकर पत्रकारों से बात कर रह थे तो उन्होने कहा कि वे एक बार कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लेंगे लेकिन एनसीपी के साथ कभी नहीं करेंगे, क्योंकि एनसीपी के कुछ नेता संभाजी भिड़े का समर्थन करते हैं। आपको बता दें कि प्रकाश आंबेडकर भीमा कोरेगांव हिंसा के लिए संभाजी भिड़े को ही आरोपी मानते हैं। इस हिंसा में एक दलित की मौत हो गयी थी।
एनसीपी के कुछ नेता बीजेपी समर्थक
आंबेडकर ने आगे कहा कि शरद पवार धर्म निरपेक्ष हो सकते हैं लेकिन उनकी पार्टी धर्म निरपेक्ष नहीं है। उन्होने आगे कहा की उनकी पार्टी के सांसद उदयनराजे खुल कर संभाजी भिड़े का समर्थन करते हैं। उन्होंने एक जिक्र करते हुए कहा कि 2014 के चुनाव में शिवसेना जब बीजेपी का समर्थन नहीं कर रही थी उसके बाद भी एनसीपी के कुछ नेताओं के दबाव में आकर एनसीपी ने बीजेपी को बाहर से समर्थन दिया था।
कांग्रेस के साथ लेकिन उसके सहयोगियों के साथ नहीं
दलित नेता आंबेडकर ने कहा कि जब उदयनराजे भिड़े का समर्थन करते हैं तो मैं उदयनराजे के चुनावी प्रचार में कैसे जा सकता हूँ। इसीलिए भिड़े के पीछे कहीं न कहीं एनसीपी भी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव में फॉर्म भरने के अंतिम समय तक मैं कांग्रेस के साथ आने के लिए तैयार हूं लकिन उनके सहयोगियों के साथ नहीं। आंबेडकर ने दावा किया कि वे एमआइएम के साथ अंतिम समय तक रहेंगे और साथ ही चुनाव लड़ेंगे।