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'मराठा आरक्षण लागू करना सरकार के हाथ में नहीं', सरकार ने स्पष्ट की भूमिका

राजस्व मंत्री चंद्रकांत दादा पाटील ने कहा कि मराठा आरक्षण सरकार के हाथ में नहीं है, मामला कोर्ट में है। उन्होंने आगे कहा इस बाबत एक आयोग का गठन किया गया है जो अपनी रिपोर्ट पेश करेगा जैसे ही रिपोर्ट आएगी सरकार अपना काम करेगी।

'मराठा आरक्षण लागू करना सरकार के हाथ में नहीं', सरकार ने स्पष्ट की भूमिका
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मराठा आरक्षण को लेकर राज्य सरकार अब गोलमटोल जवाब दे रही है। अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए राजस्व मंत्री चंद्रकांत दादा पाटील ने कहा कि मराठा आरक्षण सरकार के हाथ में नहीं है, मामला कोर्ट में है। उन्होंने आगे कहा इस बाबत एक आयोग का गठन किया गया है जो अपनी रिपोर्ट पेश करेगा जैसे ही रिपोर्ट आएगी सरकार अपना काम करेगी।

रिपोर्ट का है इंतजार
पत्रकारों से बात करते हुए चंद्रकांत दादा पाटील ने कहा मराठा समाज आरक्षण के लिए सरकार हर संभव कार्य कर रही है। राज्य ने पिछड़ा आयोग से मराठा समाज आरक्षण बाबत रिपोर्ट पेश करने को कहा है, अभी रिपोर्ट अपेक्षित है जैसे ही रिपोर्ट आएगी सरकार आरक्षण लागू करने के संदर्भ में कदम उठाएगी।

गेंद कोर्ट के पाले में 
पाटिल ने आगे कहा मराठा आरक्षण को लेकर हमारी तरफ से एक आर्डिनेंस निकाला गया है जो अभी कोर्ट में है। कोर्ट ने हमने 2700 पन्ने का एफिडेविट पेश किया है। अब सरकार की तरफ से नहीं बल्कि पिछड़ा आयोग अपनी रिपोर्ट कोर्ट पेश करेगी। इसीलिए गेंद अब कोर्ट के पाले में है और मराठा आरक्षण को लेकर विलम्ब हो रहा है।
 

कोर्ट ने लगाई था फटकार 
आपको बता दें कि अभी हाल ही में मराठा आरक्षण को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जहां कोर्ट ने सरकार के धीमे रवैये पर सवाल उठाते हुए फटकार लगाई और इस सन्दर्भ कितना काम हुआ इसक ब्यौरा मांगा। राज्य सरकार की तरफ से सफाई में कहा गया कि इस बाबत एक पिछड़ा आयोग का गठन किया गया है जो हर मुद्दे पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा। रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाएगा, अगर दोनों सदनों में सर्वसम्मति से रिपोर्ट पास हो जाता है तो आरक्षण लागू होगा।

यह भी पढ़ें: मराठा आरक्षण: कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार, कहा- 14 अगस्त तक रिपोर्ट पेश करो

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