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बिहार की समता पार्टी ने किया उद्धव ठाकरे के 'मशाल' चिन्ह पर दावा

चुनाव आयोग ने हालही में उद्धव ठाकरे को मशाल चिन्ह दिया था

बिहार की समता पार्टी ने किया उद्धव ठाकरे के 'मशाल' चिन्ह  पर दावा
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शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे  ( SHIV SENA UDDHAV BALASAHEB THACKERAY) के  मशाल( MASHAL)   जलाने के चिन्ह पर  विवाद पैदा होने की संभावना है। दिवंगत नेता जॉर्ज फर्नांडिस की समता पार्टी ने मशाल चिन्ह पर दावा किया है। समता पार्टी ने चुनाव आयोग को चुनाव चिन्ह का दावा करते हुए एक ईमेल भेजा है।

शिवसेना में विभाजन के बाद शिंदे समूह (EKNATH SHINDE)  ने शिवसेना (SHIV SENA)  पार्टी पर दावा किया था। चुनाव आयोग ने शिवसेना को असली के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए चुनाव चिन्ह धनुष्यबन को भी सील कर दिया। फिर दोनों समूहों को चुनावी चिन्ह और नाम दिए गए। 

चुनाव आयोग ने शिवसेना ठाकरे धड़े को मशाल चिन्ह दिया। मशाल का चिन्ह समता पार्टी को दिया गया। हालांकि, 2004 में चुनाव आयोग ने इस पार्टी को एक क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता रद्द करते हुए चुनाव चिह्न खोला। इसलिए चुनाव आयोग ने ठाकरे समूह को मशाल का चुनाव चिह्न दिया।

समता पार्टी ने एक बार फिर चुनाव चिन्ह मशाल पर दावा किया है। समता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष त्रिनेश देवलेकर ने एक मीडिया से बात करते हुए कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस ने 1994 में समता पार्टी की स्थापना की थी। बाद में 1996 में मशाल चिन्ह दिया गया। उसके बाद उन्होंने समता पार्टी का चुनाव चिन्ह वापस लेने की बात कहते हुए ठाकरे समूह को चुनाव चिन्ह दे दिया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने मशाल चिन्ह प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग को ईमेल किया है। मशाल चिन्ह में समानता के कारण मत विभाजन की संभावना है। उन्होंने कहा कि मशाल का चिन्ह दूसरों को न देने का अनुरोध किया गया था।

देवलेकर ने कहा कि अंधेरी पूर्व उपचुनाव में समता पार्टी अपना उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक मजबूत उम्मीदवार है और हम यह चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि यह उम्मीदवार कौन होगा।

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