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शिवसेना विवाद- चुनाव आयोग के सामने आज उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे पेश करेंगे दस्तावेज

पार्टी के चुनावी चिन्ह धनुष और तीर को लेकर चुनाव आयोग आज ही कर सकता है फैसला

शिवसेना विवाद- चुनाव आयोग के सामने आज उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे पेश करेंगे दस्तावेज
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शिवसेना ( SHIV SENA) पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुष ( DHANUSH BAAN) और तीर को लेकर एकनाथ शिंदे( EKNATH SHINDE) ने चुनाव आयोग को लिखकर उद्धव ठाकरे (UDDHAV THACKERAY)  के नेतृत्व वाली शिवसेना को आगामी 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व विधानसभा ( ANDHERI EAST BY ELECTION)  उपचुनाव में पार्टी के चुनावी चिन्ह धनुष और तीर का उपयोग करने से रोकने की मांग की है।   मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने भारतीय चुनाव आयोग को इस बाबत एक पत्र भी लिखा है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने  पार्टी के चिन्ह पर तत्काल निर्णय लेने की मांग भी की है। 

आज हो सकता है फैसला

चुनाव आयोग ने पहले दोनों गुटों से 7 अक्टूबर तक अपनी बात और लिखित बयान देने को कहा था ताकि मामले की सुनवाई शुरू की जा सके।   4 अक्टूबर को एक पत्र में, शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से उसकी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने और अंधेरी पूर्व उपचुनाव से पहले चुनाव चिह्न आवंटित करने का अनुरोध किया ताकि इसके दुरुपयोग से बचा जा सके।

पत्र में दावा किया गया है कि ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना अवैध रूप से एक उम्मीदवार को खड़ा करने और पार्टी के भीतर आवश्यक समर्थन के बिना शिवसेना के आवंटित प्रतीक का दावा करने का प्रयास करेगी। इस साल मई में शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना ने जहां लटके की पत्नी रुतुजा को चुनाव में उतारा है, वहीं भाजपा  ने पूर्व नगरसेवक मुर्जी पटेल को मैदान में उतारा है।  

आज हो सकता है फैसला 

चुनाव आयोग के सामने आज दोनो ही नेता अपने अपने दस्तावेज जमा करेंगे , जिसके बाद कयास लगाए जा रहे है की चुनाव आयोग आज ही इस बारे में फैसला कर सकता है।  चुनाव आयोग से अनुरोध करने वाले शिंदे गुट के कदम को चुनाव के दौरान ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना को चुनाव चिह्न का उपयोग करने से रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

अगर अंधेरी पूर्व के उपचुनाव और बीएमसी चुनाव से पहले चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाती है तो यह ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना के लिए एक बड़ा झटका होगा। जिसके बाद उद्धव ठाकरे को एक अलग निशान पर चुनाव लड़ना होगा।  

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