अभिनेत्री से नेत्री बनी उर्मिला मातोंडकर (urmila matondkar) ने योग गुरु बाबा रामदेव (yoga guru baba ramdev) के उस बयान को लेकर निशाना साधा है, जिसमें बाबा रामदेव ने कहा था कि, "एलोपैथी एक बेवकूफ विज्ञान है।" उर्मिला ने कहा है कि यह बयान बेहद अमानवीय और निंदनीय है।
उर्मिला मातोंडकर ने अपने ट्विटर हैंडल (twitter handle) के जरिये कहा कि, "कोई इस बिजनसमैन को किसी कोविड अस्पताल में जाने के लिए कहो। वहां डॉक्टर, फ्रंटलाइन वर्कर्स (front line workers) के साथ 24 घंटे खड़ा रखो और फिर यह टर्र टर्र करें। यह बयान सबसे अमानवीय, अपमानजनक और घृणित है। ये किसके टूलकिट हैं? उनकी इतनी हिम्मत कैसे हुई?
इससे पहले एक्ट्रेस तापसी पन्नू (tapsee pannu) ने भी ट्वीट करके बाबा रामदेव पर निशाना साधा था।
क्या कहा बाबा रामदेव ने?
बाबा रामदेव ने कहा था कि 'एलोपैथी एक स्टुपिड साइंस है और रेमडेसिविर, फेविफ्लू सहित मेडिसिन के महानिदेशक द्वारा अनुमोदित कई दवाएं कोरोनावायरस का इलाज करने में विफल रही हैं। रामदेव बाबा ने कहा कि एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों मरीजों की मौत हो चुकी है। इस बयान के बाद नया विवाद खड़ा हो गया। जिसकेे बाद रामदेव ने तो माफी मांग ली, लेकिन IMA से 25 25 सवालों के जवाब देने की चुनौती भी दी।
Someone should ask this "Businessman" to go to Any #Covid hospital..stand along with our #Doctor n #frontlineworkers just for 24 hours n then do his "terterter".Most inhuman, enraging n disgusting.Whose #Toolkit is he? How dare he?@drharshvardhan @MoHFW_INDIA #BabaRamdev pic.twitter.com/zWIaP25Di1
— Urmila Matondkar (@UrmilaMatondkar) May 24, 2021
1 करोड़ का मानहानि का मुकदमा
बाबा रामदेव के बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आपत्ति जताई थी। उसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (health minister doctor harshavardhan) ने रामदेव बाबा से अपना बयान वापस लेने को कहा। तो वहीं बाबा रामदेव के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (indian medical association) की उत्तराखंड शाखा की ओर से एक करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।
एसोसिएशन के सचिव डॉ. अजय खन्ना ने कहा, रामदेव बाबा को एलोपैथी का 'ए' भी नहीं पता। उनके द्वारा पूछे गए सभी सवालों के जवाब हम उन्हें देंगे लेकिन इससे पहले उन्हें अपनी योग्यता साबित करनी होगी। हम उन्हें ऐसा करने के लिए 15 दिन का समय दे रहे हैं।
इस मामले में बड़ा विवाद सामने आने के बाद सोमवार को रामदेव बाबा ने अपनी गलती स्वीकार की। बाबा रामदेव ने घोषणा की कि उन्होंने व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड किए गए संदेश को पढ़ने के बाद "एलोपैथी एक बेवकूफ विज्ञान है" वाला बयान दिया था। जिस पर IMA ने आपत्ति जताई थी।