कांग्रेस (congress) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (prithviraj chavan) अपने ही बयान पर घिरते जा रहे हैं। साल 2014 में बीजेपी (bjp) को रोकने के लिए शिव सेना (shiv sena) द्वारा कांग्रेस और एनसीपी (NCP) से समर्थन की मांग करने वाले बयान पर पहले तो एनसीपी ने अपने आप को अलग कर लिया, और अब शिव सेना की तरफ से चव्हाण से जवाब मांगा गया है कि जिस शख्स के द्वारा यह ऑफर दिया गया था चव्हाण को उसके नाम का खुलासा करना चाहिए।
नाम उजागर करें चव्हाण- शिव सेना
शिव सेना नेता और विधायक अनिल परब (Anil parab) इस चव्हाण के इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होने कहा, मुझे ऐसे किसी भी प्रस्ताव की कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि उस समय मैं वहां उपस्थित नहीं था। यह प्रस्ताव पृथ्वीराज चव्हाण को किसने दिया, उन्हें उसके नाम का खुलासा करना चाहिए।
एनसीपी की दो टूक, हमारे पास नहीं आया था प्रस्ताव
इसके पहले चव्हाण के इस बयान पर एनसीपी के नेता और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने कहा, इस मामले में भले ही शिवसेना ने कांग्रेस से बात की हो लेकिन एनसीपी के सामने इस तरह का कोई भी प्रस्ताव कोई भी लेकर नहीं आया था।
देवेंद्र फडणवीस ने शिव सेना को घेरा
यही नहीं चव्हाण के इस बयान के बाद बेजीपी नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिव सेना को घेरते हुए उसकी नीयत पर सावला उठाया। फडणवीस ने कहा, शिव सेना का असली चेहर सामने आ गया है। सत्ता के आगे विचारधारा, मूल्यों की कोई कीमत नहीं होती? शिवसेना को पहले इस बात का जवाब देना चाहिए।
क्या कहा था चव्हाण ने?
पृथ्वीराज चव्हाण ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में ये बयान दिया। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा की, शिवसेना ने 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को रोकने के लिए राज्य में कांग्रेस-राकांपा के साथ सत्ता स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि जब यह प्रस्ताव मेरे पास आया तो मैंने इसे खारिज कर दिया।
चव्हाण ने आगे कहा, 'उस समय बीजेपी को रोकने के लिए गठबंधन सरकार बनाने के लिए शिवसेना और एनसीपी (NCP) ने मुझसे संपर्क किया। हालाँकि, मैंने तुरंत इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। चव्हाण ने उस समय कहा था कि राजनीति में हमारी हार हुई है और हम विपक्ष में बैठने के लिए तैयार थे।
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