Advertisement

तिरंगे की रक्षा करने वालों को सरकार के झूठे वादों ने मारा


तिरंगे की रक्षा करने वालों को सरकार के झूठे वादों ने मारा
SHARES

21 जून 2012, समय दिन के 2:40 बजे। यह वही घड़ी थी, जब मंत्रालय धूं-धूं कर जल रहा था और मंत्रालय के कर्मचारी अपनी जान बचा कर बाहर भाग रहे थे। लेकिन इन सभी लोगों में 7 लोग ऐसे भी थे जिन्होंने बाहर भागने की बजाय मंत्रालय की इमारत में फहराते तिरंगा को जलने से बचाना अपन फर्ज समझा। इन्होने अपनी जान की परवाह न करते हुए उस भयावह आग से तिरंगे को जलने से बचाया। इस घटना के बाद इन सातो का सत्कार किया गया और तात्कालीन कांग्रेस- एनसीपी की सरकार ने इनके साहस के बदले कई इनाम देने के वादे किए गए, लेकिन यूपीए सरकार के जाने के बाद अब एनडीए की सरकार बनी है बावजूद इसके, सरकार द्वारा किये गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं।


कौन है ये सात लोग ?

राजेंद्र मुरलीधर कानडे, प्रेमजी रोज(मृत पावले), दीपक हडसुल, सुरेंद्र जाधव, गणेश मुंज, सुरेश बारीया, विशाल राणे


झूठा तेरा वादा

कांग्रेस-एनसीपी की सरकार ने इन सभी लोगों से मुंबई में घर देने, बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया था। लेकिन नेताओं ने मात्र वादों की घुट्टी पिलाते हुए अपने द्वारा किए गए सारे वादे भूल गए। इन्हें आज तक न तो घर मिला और ना ही इनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिल रही है। गौर करने वाली बात यह है कि उस समय के तत्कालीन विरोधी पक्ष के नेता विनोद तावड़े ने इन सभी लोगों के बच्चों को स्नातक तक की पढ़ाई मुफ्त देने की मांग की थी, लेकिन अब जब वह खुद शिक्षा मंत्री हैं तो उनक सुर बदल नजर आ रहे हैं। अब वे इनके बच्चों को केवल 10 वीं तक मुफ्त शिक्षा दिलाने की बात करते हैं।


आज भी करते हैं अपना काम

इन सातों कर्मचारियों ने सरकार को अपना किया वादा याद दिलाने के लिए कई नेताओं को बार बार पत्र भी लिखा। लेकिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार, सार्वजनिक निर्माण मंत्री छगन भुजबल और जल संसाधन मंत्री सुनील तटकरे ने मात्र आश्वासन देने के आज तक कुछ भी नहीं किया। आज भी ये कर्मचारी हर रोज की तरफ सुबह 6:22 बजे तिरंगा फहराते हैं और शाम को 7:05 बजे तिरंगा उतार लेते हैं। यह काम ये लोग पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं। 


मुंबई में मेरा घर नहीं है। हमने सरकार से मांग की थी कि हमें घर मिले, लेकिन आज तक यह मांग पूरी नहीं की गई। शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने खुद स्नातक तक की पढ़ाई मुफ्त कराने की मांग की थी लेकिन अब वे 10वीं तक की पढ़ाई मुफ्त देने की बात करते हैं।

राजेंद्र मुरलीधर कानडे, इंचार्ज


मुंबई लाइव से बात करते हुए इन कर्मचारियों ने बताया कि शान से लहराने वाले तिरंगा सभी को अच्छा लगता है और सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचता है, लेकिन 5 साल हो गए आज तक कोई मंत्री या विधायक ने यहां आकार जायजा नहीं लिया।


डाउनलोड करें Mumbai live APP और रहें हर छोटी बड़ी खबर से अपडेट।

मुंबई से जुड़ी हर खबर की ताज़ा अपडेट पाने के लिए Mumbai live के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें।

(नीचे दिए गये कमेंट बॉक्स में जाकर स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया दे) 




Read this story in English or मराठी
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें