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कोरोना मतलब राज्य सरकार का एक नाटक: प्रकाश अंबेडकर


कोरोना मतलब राज्य सरकार का एक नाटक: प्रकाश अंबेडकर
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वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने ग्राम पंचायत के लिए एक प्रशासक की नियुक्ति का विरोध करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, कोरोना मतलब राज्य सरकार का नाटक है। सरकार चुनाव नहीं चाहती, इसलिए वे झूठ बोल रहे हैं। वे अपना राज्य चलाना चाहते हैं। इसकी शुरुआत ग्राम पंचायत से हो रही है। यही नहीं अपनी इस मांग को लेकर प्रकाश अंबेडकर और पार्टी उपाध्यक्ष डॉ. अरुण सावंत ने शुक्रवार 17 जुलाई को राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात भी की।

प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि, जिन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया है या होने वाला है वहां एक प्रशासक नियुक्त किया जाएगा, लेकिन यह ठीक नहीं है। वहां चुनाव होने चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि, हम प्रशासकों की नियुक्ति के खिलाफ हैं। और अगर चुनाव नहीं हो सकते हैं, तो मौजूदा ग्राम पंचायत का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। राज्य में ऐसी कई ग्राम पंचायतें हैं जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन ऐसी पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने का अध्यादेश जारी किया गया है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, इस अध्यादेश का फायदा उठा कर एनसीपी अपनी दुकान चला रही है। जिन लोगों को प्रशासक के पद के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया है, उन्हें आवेदन के साथ 11,000 रुपये की रसीद भी लेनी होगी। और यदि आवेदनकर्ता प्रशासक के रूप में नहीं चुना जाता है, तो उसे उसका 11,000 रुपये वापस भी नहीं मिलेगा।

अंबेडकर ने कहा, मूल रूप से, अगर भारतीय संविधान की दृष्टि से देेखा जाए तो वही व्यक्ति जिसने पद की शपथ ली है, उसे प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार है।

प्रकाश अंबेडकर अपनी इस मांग को लेकर राज्यपाल से भी मिले। अंबेडकर ने राज्यपाल को बताया कि उन्हें किसी भी पार्टी कार्यकर्ता को प्रशासक के रूप में नियुक्त करने का अधिकार नहीं है।  इसी समय, अगर चुनाव तुरंत नहीं हो सकते हैं, तो मौजूदा ग्राम पंचायत का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए।

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