बारसू रिफाइनरी प्रोजेक्ट पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे से अपील की थी। उन्होंने कोंकण आने पर उद्धव ठाकरे को कोंकण से बाहर निकालने की धमकी भी दी थी। उद्धव ठाकरे ने नारायण राणे द्वारा दी गई अपील को स्वीकार कर लिया है। (will go to Barsu on the 6th speak there Uddhav Thackeray accepted Narayan Ranes challenge)
रविवार को बीकेसी में हुई वज्रमुठ सभा में उद्धव ठाकरे ने कहा की मैं 6 तारीख को बारसू जाऊंगा और वहां बोलूंगा, तुम कौन होते हो मुझे रोकने वाले?
उन्होंने आगे कहा कि मैं बारसू के लोगों से मिलूंगा और बात करूंगा, तुम कौन होते हो मुझे रोकने वाले? मैं 6 मई को बारसू जा रहा हूं। मैंने उस जगह के बारे में पत्र लिखा था, लेकिन क्या यह लिखा था कि वहां पुलिस भेजो, मारो? सहमति बनने पर ही बारसू रिफाइनरी बनेगी।
उन्होंने कहा कि मुंबई के बीकेसी की जगह बुलेट ट्रेन के गले में डाल दी गई। उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी कि मुंबई को महाराष्ट्र से काटने वालों के पास इसके टुकड़े-टुकड़े करने के अलावा कोई चारा नहीं होगा, चाहे वह कोई भी हो।
साथ ही हमने मराठी भाषा को अनिवार्य कर दिया लेकिन मिंधे सरकार ने आकर इसे वैकल्पिक कर दिया, उद्धव ठाकरे ने कहा कि मिंधे लोग जो कहते हैं कि उनके पास बालासाहेब के विचार हैं, वे कुछ नहीं सोचते हैं।
इस बीच बारसू में प्रस्तावित तेल रिफाइनरी परियोजना के खिलाफ कुछ दिनों से ग्रामीणों और प्रशासन के बीच संघर्ष चल रहा है। परियोजना विरोधी संघर्ष समिति ने प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू किया था। पुलिस ने संघर्ष समिति के 40 कार्यकर्ताओं सहित सत्यजीत चव्हाण को गिरफ्तार कर लिया।
रिहाई के बाद चव्हाण ने पवार से मुलाकात की। इस मौके पर पूर्व मंत्री जितेंद्र अवाद भी मौजूद रहे। इस बैठक में उन्होंने पवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा किए जा रहे अत्याचारों की जानकारी दी।
चव्हाण ने कहा साथ ही, जब प्रतिनिधिमंडल ने शरद पवार से बारसू आने का अनुरोध किया, तो पवार ने इस पर विचार करने का वादा किया।
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