महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम(MIDC) की ओर से कोंकण तट और पश्चिमी महाराष्ट्र के लगभग 25,000 बाढ़ प्रभावित (Maharashtra floods) परिवारों को राहत सामग्री भेजी गई। इसके लिए उद्योग मंत्री सुभाष देसाई(Subash desai) ने पहल की।
MIDC कोंकण तट और पश्चिमी महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न वितरित कर रहा है, जो बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसमें राशन, चादर, चादर, तौलिया, खाना आदि शामिल हैं। साथ ही पांच ट्रकों से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।
जिन गांवों में एमआईडीसी द्वारा पानी की आपूर्ति की जा रही है, उनकी मरम्मत की गई है और कुछ जगहों पर टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
Massive floods have affected the day-to-day life of Konkan & Western Maharashtra
Under guidance of @midc_CEO; MIDC facilitated industries to mobilize CSR funds to the affected areas in the form of food packets, hygiene products, blankets & masks - worth ₹1.75Cr#Maharashtraflood pic.twitter.com/oJDG7Kmpp3— MIDC India (@midc_india) July 29, 2021
MIDC के राज्यव्यापी कार्यालय के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता भेजी गई है। यह सहायता ठाणे, डोंबिवली, पुणे, औरंगाबाद, नासिक आदि क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा प्रदान की गई थी। ठाणे, डोंबिवली एमआईडीसी ने 1000 राशन पैकेट (25,000 किलो), 2,000 पानी की बोतलें, 5,500 कंबल, 5,500 तौलिए भेजे। औरंगाबाद से 500 पैकेट खाद्यान्न भेजा गया।
बाढ़ ने कोंकण तट के साथ-साथ पश्चिमी महाराष्ट्र(Western maharashtra) को भी प्रभावित किया है। लगभग 25,000 परिवारों को MIDC द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है। अगले दो दिनों में सहायता राशि वितरित कर दी जाएगी। देसाई ने यह भावना व्यक्त की कि सरकार संकट के दौरान बाढ़ पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी है।
पिछले कुछ दिनों में, राज्य, विशेष रूप से कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र, भारी बारिश और बाढ़ के कारण प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आ गया है। एसडीआरएफ (SDRF) के मानदंडों के अनुसार अत्यावश्यकता के रूप में राहत शुरू की गई है।
चूंकि अधिकांश बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल स्तर अभी कम नहीं हुआ है और पीड़ितों का पंचनामा चल रहा है, इसलिए अगले पखवाड़े में अतिरिक्त सहायता पर निर्णय लेने का निर्णय लिया गया।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में एसडीआरएफ के नियमानुसार प्रभावित परिवारों को घरेलू सामान, कपड़े व बर्तन के नुकसान पर तत्काल सहायता प्रदान की जा रही है।
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