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पारसी समुदाय को प्रार्थना स्थल पर जाने की मिली अनुमति

इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने `पर्युषण’ (Paryushan) पर्व के मौके पर जैन समुदाय को शहर के तीन जैन मंदिरों को सशर्त शुरू करने की अनुमति दी थी।

पारसी समुदाय को प्रार्थना स्थल पर जाने की मिली अनुमति
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पारसी समुदाय (Parsi Community) के ‘फरवार्दियान’ वार्षिक प्रार्थना विधी को पूरा करने के लिए मुंबई के डुंगरवाडी (Dungarwadi) में स्थित अग्यारी को खोलने की सशर्त अनुमति मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने बुधवार को दी है। 'फरवार्दियान' के निमित्त प्रार्थना के लिए दक्षिण मुंबई के केम्प्स कॉर्नर में स्थित डुंगरवाडी अग्यारी खोली जाए, इस तरह की मांग की याचिका मुंबई उच्च न्यायालय के सामने पेश की गई थी। आज 3 सितंबर को 'फरवार्दियान' वार्षिक प्रार्थना दिवस है।

इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने `पर्युषण’ (Paryushan) पर्व के मौके पर जैन समुदाय को शहर के तीन जैन मंदिरों को सशर्त शुरू करने की अनुमति दी थी। इसी के मद्देनजर पारसी समुदाय ने भी अपनी मांग रखी थी। अब उच्च न्यायालय ने अग्यारी को खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि, उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि उनके द्वारा दिया गया निर्णय असाधारण था और किसी को भी इस आदेश के आधार पर किसी अन्य धार्मिक कार्य या प्रार्थना के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।  

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डुंगरवाडी अग्यारी 55 एकड़ में फैला हुआ है। अधिवक्ता ने कहा कि क्षेत्र में पांच विशाल मंडप स्थापित किए गए हैं और केवल छह लोगों को ही प्रति घंटे मंडप में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।

कोरोना (Coronavirus) को ध्यान में रखते हुए 10 वर्ष से कम और 65 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटीजन को इस प्रार्थना में शामिल न होने का आदेश दिया गया है। एक समय पर ज्यादा से ज्यादा 30 लोग अग्यारी में छोड़े जाएंगे। प्रार्थना में आने वाले लोगों का आवश्यक रूप से शारीरिक तापमान की जांच, मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग, सामाजिक अंतराल का खास ध्यान रखने का आदेश न्यायालय ने जारी किया है।  

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