मुंबई में लगभग 60 प्रतिशत गैर-मराठियो ने कहा कि स्थानीय मराठियों द्वारा उनके साथ कभी बुरा व्यवहार नहीं किया गया। IANS-CVoter के सर्वेक्षण के अनुसार, यह सवाल केवल उन लोगों से किया गया था जो महाराष्ट्र से बाहर पैदा हुए थे। सवाल यह था कि जब आप अपने घर से बाहर होते हैं, तो क्या आपके या आपके परिवार के किसी सदस्य के साथ स्थानीय मराठियों ने कभी बुरा व्यवहार किया है?
सर्वेक्षण के अनुसार, 59.9 प्रतिशत ने कहा कि उनके साथ कभी बुरा व्यवहार नहीं किया गया, जबकि 22.5 प्रतिशत ने कहा कि कभी-कभी उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है और 10.4 प्रतिशत ने कहा कि उनके साथ अक्सर बुरा व्यवहार किया जाता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या बाहरी लोग मराठी भाषा और संस्कृति के लिए खतरा हैं, जो केवल मराठियों से लिए पूछा गया था। 58.3 प्रतिशत ने कहा कि बाहरी लोग खतरा नहीं हैं, जबकि 25 प्रतिशत ने कहा कि वे काफी हद तक एक खतरा हैं, जबकि 8.3 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक खतरा हैं।
शहर के निवासियों ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में IANS और सी वोटर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के दौरान चौंकाने वाली पसंद और राय दी। इसके अलावा लोगों से यह भी पुछा गया की 1960 में महाराष्ट्र के राज्य बनने के बाद से आपके अनुसार मुंबई में सबसे प्रभावशाली राजनेता कौन रहा है? दिल्ली में मीडिया को लगता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को चुनना चाहिए जबकी मुंबईकरो की राय थी कि स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे सबसे प्रभावशाली राजनेता रहे हैं।
जवाब देनेवालो को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया था, वे जो महाराष्ट्र में पैदा हुए थे और जो राज्य के बाहर पैदा हुए थे। दोनों वर्गों ने बालासाहेब ठाकरे का जमकर समर्थन किया।46 प्रतिशत से अधिक स्थानीय मराठियों ने बालासाहेब ठाकरे को चुना जबकि 50 प्रतिशत से अधिक गैर-मराठियों ने उन्हें अपनी पसंद के रूप में चुना।
शरद पवार को केवल 8.4 प्रतिशत स्थानीय मराठियों ने चुना, जबकि 4.5 प्रतिशत गैर-मराठियों ने उन्हें चुना।
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