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1197 श्रमिक ट्रेनों से अब तक 17.98 लाख प्रवाशियों को पहुंचाया गया उनके गृहनगर

कुल 17.98 लाख प्रवासी इन श्रमिक विशेष ट्रेनों के ज़रिए 2 मई, 2020 से 30 मई, 2020 के बीच देश के विभिन्न राज्यों में अपने गृहनगर तक पहुॅंच चुके हैं।

1197 श्रमिक ट्रेनों से अब तक 17.98 लाख प्रवाशियों को पहुंचाया गया उनके गृहनगर
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पश्चिम रेलवे ने अपनी 1197 श्रमिक विशेष ट्रेनों में 17.98 लाख प्रवासी मजदूरों और परिजनों को पहुॅंचाया उनके गृहनगर

मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अभी भी हजारों प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। ये प्रवासी मजदूर यूपी, बिहार सहित गुजरात, राजस्थान, छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, चेन्नई जैसे राज्यों और शहरों से मुंबई आए हुए हैं। इन सभी को पश्चिम रेलवे लगातार श्रमिक ट्रेनों के द्वारा इनके राज्यों में छोड़ रही है।

इसी क्रम में पश्चिम रेलवे ने भी 30 मई, 2020 तक 1197 श्रमिक विशेष  ट्रेनों में 17.98 लाख प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को उनके गृहनगर भेजने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रवासी मजदूरों को इन विशेष ट्रेनों में से 681 ट्रेनें उत्तर प्रदेश, 274 बिहार, 94  उड़ीसा, 31 मध्य प्रदेश के लिए चलाई गईं। इनके अलावा 41 ट्रेनें झारखंड, 16  छत्तीसगढ़, 9  राजस्थान, 6  उत्तराखंड और 26  पश्चिम बंगाल राज्यों के लिए चलाई गईं।

विशेष श्रमिक ट्रेनें गुजरात, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, असम और महाराष्ट्र के राज्यों हेतु भी चलाई गईं।

कुल 17.98 लाख प्रवासी इन श्रमिक विशेष ट्रेनों के ज़रिए  2 मई, 2020 से 30 मई, 2020 के बीच देश के विभिन्न राज्यों में अपने गृहनगर तक पहुॅंच चुके हैं।

30 मई, 2020 को 14 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें से गुजरात से 10 और महाराष्ट्र से 4 ट्रेनें रवाना हुईं। इन श्रमिक विशेष ट्रेनों में उत्तर प्रदेश (2 ट्रेन), उड़ीसा (4 ट्रेन), पश्चिम बंगाल (6 ट्रेनें) और राजस्थान और असम के लिए एक-एक ट्रेन चलाई गई। मुंबई डिवीजन ने 7 ट्रेनों को चलाया, जिनमें 4 ट्रेनें पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय खंड से चलाई गई। इनमें दो ट्रेनें बोरीवली स्टेशन से तथा एक- एक बांद्रा टर्मिनस और वसई रोड स्टेशनों से चलाई गईं। 3 मई से 30 मई, 2020 तक, कुल 170 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें मुंबई उपनगरीय खंड से शुरू हुई हैं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस से 63 श्रमिक विशेष ट्रेनें, बोरीवली से 66, वसई रोड से 27, दहानू रोड से 2 और पालघर स्टेशन से 12 ट्रेनें शामिल हैं। ये ट्रेनें गोरखपुर, जौनपुर, गोंडा, वाराणसी, प्रतापगढ़, भागलपुर, प्रयागराज, दरभंगा, दानापुर, हावड़ा आदि स्टेशनों हेतु चलाई गईं। ये विशेष रेलगाड़ियाँ सामाजिक दूरी के मानदंडों को बनाए रखने के साथ परिचालित की जा रही हैं। साथ ही यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी बोर्डिंग से पहले सुनिश्चित की जा रही है।   यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पैकेज्ड पेयजल भी दिया जा रहा है।  रेल मंत्रालय ने यह भी अपील की है कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कार्डियो- संवहनी रोग, कैंसर से पीड़ित व्यक्ति, प्रतिरक्षा क्षमता की कमी वाली गर्भवती महिलाएं,10 वर्ष से कम आयु के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को रेल यात्रा से बचना चाहिए, सिवाय इसके कि जब तक यह बहुत आवश्यक न हो।

भाकर ने कहा कि, इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने फंसे हुए मजदूरों और उनके परिवारों के तेजी से आवागमन को सुगम बनाने में उल्लेखनीय मदद की है।

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