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ट्रेन डिरेल होने से पहले ही ड्राइवर को मिल जाएगी जानकारी

दिल्ली - मुंबई रेलवे लाइन पर ऑटोमैटिक ट्रेन एग्जामिनेशन सिस्टम (एटीईएस) लगाया गया है जो तकनीकी रिपोर्ट तैयार करेगा।

ट्रेन डिरेल होने से पहले ही ड्राइवर को मिल जाएगी जानकारी
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अब रेलवे में होनेवाले हादसों की संख्या में कमी आ सकती है। पश्चिम रेलवे ने एक ऐसे तकनीक का इस्तेमाल शुरु की है जिससे ट्रेन डिरेल होने से पहले ही उनसकी जानकारी ड्राइवर को मिल जाएगी। दिल्ली - मुंबई रेलवे लाइन पर ऑटोमैटिक ट्रेन एग्जामिनेशन सिस्टम (एटीईएस) लगाया गया है । ये सिस्टम चलती ट्रेन को पूरी तरह से स्कैन करके उसकी तकनीकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को भेजेगा।

कैसे करेगा ये काम
ट्रेन के पहियों का घर्षण ज्यादा है, ब्रेक यह वैक्यूम प्रेशर सहित इंजन या कोच में किसी तरह की गड़बड़ी है तो इसकी जानकारी ट्रेन के लोको पायलट को दी जाएगी। जिसके बाद पायलट इसे समय रहते सही कर सकता है। फिलहाल इसे शुरुआती रुप में प्रयोग किया जा रहा है और अगर यह सफल रहा था तो इसे और भी रेलवे ट्रेक के बीच में लगाया जाएगा।

एटीईएस रेलवे की अपडेटेड और आधुनिक तकनीकी है। इसमें हाई रेजोल्यूशन के एचडी सेंसर कैमरे लगे हैं, जो 70 किमी की रफ्तार से गुजरने वाली ट्रेन के फुटेज स्क्रीन शॉट के रूप में इकट्ठा करेंगे। कैमरे में नाईट विजन लगा है, जो रात में या खराब मौसम में भी ट्रेन के अंदरूनी पार्ट की तस्वीरें ले सकेंगे।

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