पश्चिम रेलवे ने अप्रैल से दिसंबर 2019 के बीच बिना टिकट और अनियमित यात्रियों से जुर्माने के तौर पर 104.10 करोड़ की वसूली की है। पश्चिम रेलवे( western railway) की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बिना बुक किए गए सामान सहित बिना टिकट या अनियमित यात्रा के 21.33 लाख मामले इस अवधि के दौरान पकड़ में आए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की संख्या से 8.85 फीसदी अधिक है।
2.13 लाख मामलों में 10.14 करोड़ की वसूली
दिसंबर 2019 में,बिना टिकट सामान सहित टिकटरहित/अनियमित यात्रा के 2.13 लाख मामलों में 10.14 करोड़ की वसूली हुई। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंदर भाकर ने कहा कि वाणिज्यिक विभाग द्वारा टाउट्स और अन्य असामाजिक तत्वों के खिलाफ अप्रैल से दिसंबर 2019 के दौरान कुल 2,124 चेक किए गए।
उन्होंने कहा कि रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 1,821 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, उन पर मुकदमा चलाया गया और उन पर जुर्माना लगाया गया और इस अवधि के दौरान 1,632 भिखारियों को रेलवे परिसर से हटा दिया गया।
आलोक कंसल बने महाप्रबंधक
पश्चिम रेलवे को लंबे इंतजार के बाद आखिकार महाप्रबंधक मिल गए। भारतीय रेल इंजिनियरी सेवा (IRSE) के 1983 बैच के वरिष्ठ अधिकारी आलोक कंसल ने महाप्रबंधक पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया। कंसल भारतीय रेल की पहली शताब्दी एक्सप्रेस, हाई स्पीड ट्रेन की शुरुआत से जुड़े पहले इंजिनियरिंग सहायक अधिकारी थे।
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