मुंबई में रेल यात्रियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। बढ़ती संख्या के कारण अपराधों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसलिए यात्रियों को इन घटनाओं से बचाने के लिए रेलवे प्रशासन ने लोकल ट्रेनों (Mumbai local train) सीसीटीवी (CCTV) लगाने का फैसला लिया था। पश्चिम रेलवे द्वारा मुंबई लोकल में महिला डिब्बों में सीसीटीवी के साथ 'टॉक बैक' सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया। लेकिन 3 साल बाद भी यह प्रोजेक्ट धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। पश्चिम रेलवे की 100 लोकल ट्रेनों में से 47 कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और 9 कोचों में टॉक बैक सिस्टम लगाया गया है।
सीसीटीवी लोकेल में अपराध को उजागर करने में मदद करेगा, जबकि एक 'टॉक बैक' प्रणाली स्थापित की जा रही है ताकि महिला यात्री बॉक्स में स्पीकर के माध्यम से गार्ड या मोटरमैन से संवाद कर सके और तत्काल मदद मांग सके। दोनों परियोजनाओं पर 123 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद थी। हालांकि, बाद में पश्चिम रेलवे द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि टॉक बैक सिस्टम को इसके दुरुपयोग की संभावना के कारण विस्तारित नहीं किया जाएगा, इसमें शामिल लागत, सिस्टम को संभालने के लिए गार्ड, मोटरमैन के साथ-साथ रेलवे सुरक्षा बलों पर तनाव, आदि।
चूंकि अगले कुछ वर्षों में वातानुकूलित लोकल ट्रेनों की शुरुआत की जाएगी, इसलिए यह स्पष्ट था कि यह व्यवस्था इन ट्रेनों में ही होगी। लेकिन वातानुकूलित स्थानीय परियोजना कुछ पीछे रह गई। इसलिए हमने सीसीटीवी कैमरों और टॉक बैक सिस्टम को आगे बढ़ाने का फैसला किया। महिला यात्रियों की मदद के लिए सखी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इसमें महिला यात्री संघ के सदस्य, महिला रेलवे सुरक्षा बल के जवान, महिला रेलवे पुलिस, महिला रेलवे अधिकारी हैं। 750 से अधिक महिला सदस्यों के साथ 9 'सखी व्हाट्सएप ग्रुप' हैं। मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में 'मेरी सहेली' योजना भी लागू की। योजना यात्रा के मुद्दों के साथ मदद करती है।
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