Advertisement

गांव जाने वाली ट्रेन के जनरल डिब्बे में उसी यात्री को मिलेगी सीट जो पहले आएगा

रेलवे ने अब 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर सीट देने का निर्णय करते हुए बायोमीट्रिक सिस्टम शुरू किया है।

गांव जाने वाली ट्रेन के जनरल डिब्बे में उसी यात्री को मिलेगी सीट जो पहले आएगा
SHARES

ट्रेनों में जनरल बोगी में यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी खबर है, खास कर यूपी-बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी है।अकसर यूपी-बिहार से आने वाली और जाने वाली ट्रेनों के जनरल डिब्बे में भारी भीड़ होती है। कई लोगों को लाइन में खड़े रहने के बावजूद भी सीट नहीं मिलती है। इसे देखते हुए रेलवे ने अब 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर सीट देने का निर्णय करते हुए बायोमीट्रिक सिस्टम शुरू किया है।

क्या है सिस्टम?
रेलवे के अनुसार जो यात्री जनरल डिब्बे के लिए टिकट खरीदेंगे पहले उन्हें बायोमीट्रिक मशीन पर पर अपना फिंगरप्रिंट देना होगा, जिसके बाद उन्हें एक टोकन दिया जाएगा। इस टोकन नंबर को हर जनरल क्लास के कोच सीटों के नंबर के क्रम में रखा जाएगा। इसके बाद यात्रियों को अपने टोकन नंबर के अनुसार एक लाइन में खड़े होना होगा। इसके बाद आरपीएफ पुलिस के जवान हर यात्री का टोकन नंबर चेक करेगा और पैसेंजर को नंबर में कोच में जाने देगा। रेलवे उतने ही टोकन जारी करेगा, जितनी कोच में सीटें होंगी।

पियुष गोयल ने दी जानकारी
इस बारे में रेलवे मंत्री पियूष गोयल ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि 'रेलवे के जनरल डिब्बों में सीट की उपलब्धता के लिए बायो मैट्रिक सिस्टम लगाया गया है। इसमे पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर यात्रियों को सीट दी जायेगी। सामान्य कोच में सफर करने वाले यात्रियों को इस सिस्टम से काफी सुविधा होगी। मुम्बई से लखनऊ पुष्पक एक्सप्रेस में इसकी शुरुआत की गई है।'

सीट को लेकर न हो मनमानी
वेस्टर्न रेलवे ने भी बयान जारी कर कहा कि, बायोमीट्रिक टोकन सिस्टम इसलिए लगाया गया है ताकि सीट को लेकर कोई मनमानी न कर सके। जनरल कोच के लिए यह व्यवस्था की गई है। कोच में सीट भरने के बाद भी किसी यात्री को चढ़ने से रोका नहीं जाएगा।  

रेलवे ने आगे बताया कि यह सिस्टम यात्रियों को व्यविस्थत तरीके से बिठाने और जनरल कोच में सीट पर कब्जा कर बेचने वालों पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया है, क्योंकि रेलवे को शिकायत मिली थी कि कुछ अराजक तत्व विशेष ट्रेनों में जनरल डिब्बे की सीट बेचने का रैकेट चला रहे हैं। वे पहले सीट पर कब्जा कर लेते हैं और फिर उसे यात्रियों को देने के एवज में मोटी रकम ऐंठते हैं।

इन ट्रेनों में लगा है सिस्टम 
वेस्टर्न रेलवे के जिन ट्रेनों में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाया गया है उनमें है सेंट्रल रेलवे स्टेशन से चलनेवाली अमरावती एक्सप्रेस, जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कर्णावती एक्सप्रेस, गुजरात मेल और गोल्डन टेम्पल मेल जबकि बांद्रा टर्मिनस से चलनेवाली पश्चिम एक्सप्रेस, अमरावती एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस और महाराष्ट्र संपर्कक्रांति एक्सप्रेस।

Read this story in English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें