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वैक्सीन की एक डोज लेने वाले भी कर सकेंगे लोकल में यात्रा?

हालांकि अभी इस बात पर केवल चर्चा ही जारी है। अगर ट्रेनों में भीड़ नहीं बढ़ती है तो सिंगल डोज वालों को भी यात्रा की मंजूरी मिल सकती है।

वैक्सीन की एक डोज लेने वाले भी कर सकेंगे लोकल में यात्रा?
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जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की दोनों डोज लगवाए 14 दिन या उससे अधिक समय बीत चुका है, ऐसे लोगों को 15 अगस्त से लोकल ट्रेनों (local train)में यात्रा करने की अनुमति दी गई। अब कहा जा रहा है कि, वैक्सीन की सिंगल डोज लेने वालों को भी लोकल से यात्रा करने की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है। इस बाबत एक अधिकारी ने बताया कि, फिलहाल हम होने वाली भीड़ को लेकर नजर रख रहे हैं।

हालांकि अभी इस बात पर केवल चर्चा ही जारी है। अगर ट्रेनों में भीड़ नहीं बढ़ती है तो सिंगल डोज वालों को भी यात्रा की मंजूरी मिल सकती है।

जिन यात्रियों के पास दोनों वैक्सीन लगाने का प्रमाण पत्र है उनका सत्यापन करने उन्हें लोकल का पास दिया जा रहा है। रविवार-सोमवार की छुट्टी होने के कारण दोनों दिन लोगों की भीड़ कम रही।

जैसे-जैसे टीकों की आपूर्ति बढ़ती और घटती है, वैसे-वैसे टीकाकरण (vaccination) की दर भी घटती और बढ़ती जाती है। 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के अधिकांश युवा, अभी एक ही खुराक ली, इसलिए वे अभी भी लोकल की यात्रा से दूर हैं।

अगले 7 दिनों में स्थानीय यात्रियों की संख्या में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है। लोकल सेवा सभी के लिए शुरू करने से पहले शुक्रवार को यात्रियों की संख्या 12 लाख 39 हजार दर्ज की गई थी। दोनों टीकाकरण कराने वालों को लोकल से यात्रा की मंजूरी मिलने के बाद रविवार तक को यात्रियों की संख्या 8 लाख 50 हजार आ गई।

यह स्पष्ट नहीं है कि रविवार-सोमवार की छुट्टी होने के कारण कितने अतिरिक्त यात्रियों ने लोकल सेवा का लाभ उठाया। पश्चिम रेलवे (western railway) ने कहा कि यात्रियों की बढ़ी संख्या की सही तस्वीर मंगलवार को साफ हो जाएगी। मध्य रेलवे के कुछ स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या कमोबेश रही। हालांकि, यात्रियों की सही संख्या का पता मंगलवार को चल सकेगा।

सेंट्रल रेलवे (central railway) में रोजाना औसतन 20 से 22 लाख यात्री सफर करते हैं। दोनो डोज ले चुके खास कर व्यापारी वर्ग ने सरकार ने इस निर्णय का स्वागत किया है। खुदरा व्यापारी अपने व्यपार के लिए अमूमन लोकल पर ही निर्भर रहता है।

ठाणे (Thane) के उल्हासनगर, कल्याण और बदलापुर में व्यापारिक समुदाय ने स्वागत किया है क्योंकि माल डिब्बों से भारी माल को सस्ती दरों पर ले जाया जा सकता है।

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