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महाराष्ट्र: कोरोना वायरस के केस घटे, लेकिन ब्लैक फंगस के बढ़े

सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले पुणे, नागपुर, नासिक और सोलापुर जिलों में सामने आए हैं।

महाराष्ट्र: कोरोना वायरस के केस घटे, लेकिन ब्लैक फंगस के बढ़े
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राज्य में कोरोना वायरस (coronavirus) के मामलों में भले ही गिरावट हो रही है, लेकिन ब्लैक फंगस (black fungus) यानी म्यूकरमाईकोसिस (mucormycosis) के मामलों की संख्या बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक, रविवार 13 जून को ब्लैक फंगस के मामले राज्य में 7,395 तक पहुंच गई है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक ब्लैक फंगस से संक्रमित 644 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2,212 बीमारी से उबर चुके हैं।सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले पुणे (pune), नागपुर (nagpur), नासिक (nasik) और सोलापुर जिलों में सामने आए हैं।

हाल ही में, राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए निश्चित दर तय कर दी है।

'ब्लैक फंगस' के बढ़ते मामलों को देखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि, इस घातक बीमारी के इलाज के लिए प्रमुख दवा एम्फोटेरिसिन-बी (Amphotericin-B) की उपलब्धता अब बढ़ाई जा रही है साथ ही मंत्रालय पांच अतिरिक्त निर्माता के संपर्क में है।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु सहित कई राज्यों ने इसे महामारी रोग अधिनियम के तहत एक 'सूचित' रोग घोषित किया है, जिससे राज्य को केंद्र के पास हर म्यूकोर्मिकोसिस मामले की रिपोर्ट करना अनिवार्य हो गया है।

ब्लैक फंगस एक फंगल संक्रमण के कारण होने वाली जटिलता है। जो लोग वातावरण में फंगस बीजाणुओं के संपर्क में आते हैं अक्सर वही इस बीमारी की चपेट में आते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, काटने, खरोंचने, जलने या अन्य प्रकार के त्वचा के माध्यम से प्रवेश करने के बाद भी यह त्वचा पर विकसित होता है।

यह भी पढ़ें :भारत में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मरीज गुजरात और महाराष्ट्र में

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