मुंबई में मानसून (Mumbai monsoon) के दौरान बाढ़ को रोकने और मुंबई में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काम में तेजी लाई जा रही है। मीठी नदी पर काम को भी गति मिली है। अभी तक चौड़ीकरण और गहरीकरण का कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण है और मीठी नदी (Mithi river) की रिटेनिंग वॉल 80 प्रतिशत पूर्ण है। परिणामस्वरूप, मीठी नदी की वहन क्षमता दोगुनी हो गई है और वहन क्षमता तीन गुना हो गई है।
मीठी नदी विकास और प्रदूषण नियंत्रण योजना तैयार की गई है और इसे 4 पैकेजों में लागू किया जाएगा।
प्रथम चरण: पवई में फिल्टर पाडा का निर्माण, सीवरेज नलिकाओं का बिछाने, सर्विस रोड का निर्माण, प्रतिदिन 8 मिलियन लीटर की क्षमता के साथ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण।
द्वितीय चरण: पवई सहित कुर्ला में सुरक्षात्मक दीवार, सर्विस रोड, सीवरेज बिछाने के लिए 570 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर दिया गया है।
तीसरे चरण: रिटेनिंग वॉल, सर्विस रोड, सीवरेज, ब्रिज जैसे कामों के लिए 1,875 करोड़ रुपये। चारों में बापट नाला से सफेद पूल नाला से घाटकोपर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक 270 करोड़ रुपये की लागत से सुरंग का काम शामिल है और बजट में 347 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
दहिसर, पोयसर और ओशिवारा नदियों के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। मीठी नदी के काम के साथ, यहां पर्यटन और कृत्रिम झील का काम किया जाएगा। इसके लिए एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा और 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। क्रमशः छोटे नालों, बड़े नालों और मिथिला नदी से गाद हटाने के लिए 62, 80 और 57 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वर्षा जल संचयन के विभिन्न कार्यों के लिए 1,149.74 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।