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जुहू की तरह वर्सोवा बीच को भी किया गया चकाचक!

वर्सोवा बीच पर गंदगी होने के कारण अंतराष्ट्रीय स्तर पर बीएमसी की बदनामी हो रही थी, लिहाजा बीएमसी ने कुछ ही दिनों में इस बीच को पूरी तरह से साफ कर दिया।

जुहू की तरह वर्सोवा बीच को भी किया गया चकाचक!
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बीएमसी ने जुहू की तरह ही वर्सोवा बीच की साफ सफाई कर उसे चकाचक कर दिया है। दरअल वर्सोवा बीच पर गंदगी होने के कारण अंतराष्ट्रीय स्तर पर बीएमसी की बदनामी हो रही थी, लिहाजा बीएमसी ने कुछ ही दिनों में इस बीच को पूरी तरह से साफ कर दिया और इसके साथ ही बीच की लगातार सफाई के लिए 'समुद्र तट सफाई मशीन' भी जल्द लाने का निर्णय लिया है।

130 मीट्रिक टन कचरा मानसून के दौरान

बीएमसी ने इस कार्य के लिए 120 मजदूरों की मदद ली। वर्सोवा चौपाटी की संयुक्त लंबाई लगभग 4.5 किमी है और चौड़ाई 35 से 60 मीटर के बीच है। वर्सोवा चौपाटी का कुल क्षेत्रफल लगभग 2 लाख 32 हजार 500 वर्ग मीटर है। प्रति वर्ष औसतन 130 मीट्रिक टन कचरा मानसून के दौरान साफ किया जाता है, जिसे बीएमसी के के वेस्ट विभाग की ओर से साफ किया जाता है। अगले 8 महीनों में मानसून के अलावा, यह प्रति दिन लगभग 45 मीट्रिक टन औसत कचरा निकलता है।

22.24 करोड़ रुपये होगे खर्च

मानसून के दौरान इस बीच पर लगभग 100 मजदूर कार्य करते है और मानसून के अलावा इस बीच पर लगभग 50 मजदूर काम करते है। बीएमसी ने इस बीच की साफ सफाई के लिए 'स्पेक्ट्रम इंजिनिअर्स प्रा. लि. या कंपनी को ठेका दिया है , यह कंपनी अगले 6 सालों तक इस बीच की साफ सफाई करेगी और इसके साथ ही बीएमसी को इसके लिए 22.24 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।

दिन-प्रति-दिन की सफाई की शुरुआत के साथ, वर्सोवा चौपाटी का रूप बदल गया है। डिप्टी कमिश्नर (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट) विश्वास शंकरवार के अनुसार, आवश्यक सामग्रियों और जनशक्ति को बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक 'ब्ली क्लिंगिंग मशीन' के अलावा, दो कॉम्पैक्टर, 2 ट्रैक्टर इत्यादि की आवश्यकता होगी, जिसे रखा भी जाएगा।


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