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आज से प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में रेलवे स्टेशन छोड़ेंगी बेस्ट की बसें

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि फंसे हुए मजदूरों को खाना मुहैया कराने की व्यवस्था भी राज्य सरकारें ही करें। इस मसले पर अगली सुनवाई अब 5 जून को होगी।

आज से प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में रेलवे स्टेशन छोड़ेंगी बेस्ट की बसें
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रेलवे प्रशासन की तरफ से तालाबंदी के कारण मुंबई के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों को रेलवे स्टेशन छोड़ने के लिए BEST अपनी बसों की सेवाएं देर ही हैं। पुलिस की मांग के अनुसार संबंधित रेलवे स्टेशनों पर श्रमिकों को छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। इन मजदूरों को रेलवे स्टेशन तक छोड़ने के लिए बेस्ट की तरफ से इनसे किराया वसूला जा रहा था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने BEST प्रशासन को इन श्रमिकों को मुफ्त परिवहन सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है।

BEST के जनसंपर्क विभाग के अनुसार, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों की यात्रा शुक्रवार से मुफ्त कर दी गई है। हालांकि, BEST प्रशासन ने स्पष्ट किया कि आज से, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लागू किया जाएगा और कोई किराया नहीं लिया जाएगा।

हालांकि, इस दौरान बेस्ट केे कई कर्मचारी भी इस कोरोना वायरस से संक्रमित  होने की खबरें सामने आई है। इससे इन बेस्ट कर्मचारियों में डर का माहौल बन गया है।

इसके पहले प्रवासी मजदूरों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अंतरिम आदेश दिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि ट्रेनों और बसों से सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों से किसी तरह का किराया ना लिया जाए। यह खर्च राज्य सरकारें ही उठाएं। साथ जी कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि फंसे हुए मजदूरों को खाना मुहैया कराने की व्यवस्था भी राज्य सरकारें ही करें।इस मसले पर अगली सुनवाई अब 5 जून को होगी।

जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने गुरुवार को मामले पर सुनवाई की। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में दलीलें रखीं। इस दौरान बेंच ने निम्न 4 आदेश दिए।

कोर्ट के 4 आदेश

1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रेन और बस से यात्रा कर रहे मजदूरों से कोई किराया ना लिया जाए। यह खर्च राज्य और केंद्र की सरकारें उठाएं।

2. स्टेशनों पर खाने-पानी की व्यवस्था राज्य सरकार करें और ट्रेनों के भीतर मजदूरों के लिए यह व्यवस्था रेलवे करे।

3. देशभर में फंसे मजदूर अपने घर जाने के लिए बसों और ट्रेनों के इंतजार में हैं, उनके लिए भी खाना राज्य सरकारें ही मुहैया करवाएं। मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कहाँ होगा। इसकी जानकारी भी प्रसारित की जाए।

4. राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को देखें और यह भी निश्चित करें कि उन्हें घर के सफर के लिए जल्द से जल्द ट्रेन या बस मिले। सारी जानकारियां इस मामले से संबंधित लोगों को दी जाएं।

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