महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि राज्य में कोविड (covid19) रोगियों के लिए प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (लगभग 30,000 रोगियों के लिए) की जरूरत होती है तो राज्य में एक और सख्त लॉकडाउन (lockdown) लगाया जा सकता है।
हालांकि कोविड (coronavirus) मरीजों की संख्या में कमी आई है, लेकिन हम सभी को अपने पिछले अनुभव को देखते हुए बहुत सावधान रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने अपील की कि, "हम अपने स्वास्थ्य नियमों का पालन करते हुए यह देखना चाहते हैं कि हम दूसरों के लिए कोई स्वास्थ्य जोखिम न उठाएं।"
उन्होंने कहा, भले ही हम प्रतिबंधों में ढील दें और भविष्यवाणी करें कि तीसरी लहर आएगी या नहीं, हमें इस वायरस के बदलते रूप से सावधान रहना होगा। दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन (oxygen) की कमी ने न केवल हमारे लिए बल्कि देश के लिए भी चुनौती कैसे पेश की, इसका उदाहरण अभी भी ताजा है। इसीलिए राज्य में प्रतिबंध या तालाबंदी लागू करते समय ऑक्सीजन की आवश्यकता को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
उन्हीने बताया कि, अब से यदि राज्य में प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कोविड रोगियों के लिए लगती है, तो राज्य में तालाबंदी लागू कर दी जाएगी। जैसा कि आप जानते हैं, राज्य की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता सीमित है और प्रतिदिन केवल 1300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। दूसरी लहर में, रोगियों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई और ऑक्सीजन की आवश्यकता इतनी बढ़ गई कि लगभग 500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दूसरे राज्यों से आयात करना पड़ा। यदि कोविड रोगियों (लगभग 30,000 रोगियों के लिए) के लिए प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, तो राज्य में प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, पिछले दो साल में कोविड ने बहुत कुछ सिखाया है। हम इस लड़ाई को एक साथ लड़ रहे हैं, और मुझे यकीन है कि हम सहयोग करेंगे, यह महसूस करते हुए कि सरकार द्वारा दिए गए निर्देश सभी की भलाई के लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं फिर दोहराता हूं, हम प्रतिबंध लगाने से खुश नहीं हैं। कोविड का डेल्टा अवतार अमेरिका और ब्रिटेन समेत आसपास के देशों में व्यापक रूप से फैल रहा है। तो ऐसे में आपको भी बहुत सावधानी बरतना होगा। हमने लोकल ट्रेन से यात्रा को मंजूरी दें। होटल, रेस्टोरेंट, दुकानों के मामले में आज भी फैसले लिए गए हैं।
बकौल उद्धव, कुछ अन्य क्षेत्रों से भी पाबंदियों में ढील देने की मांग है, हम इस पर पूरी सोच-समझकर फैसला लेंगे।