मुंबई में कोरोना वायरस (corona virus in Mumbai) महामारी के संक्रमण के बीच, बृहन्मुंबई नगर निगम (bmc) के आयुक्त इकबाल सिंह चहल (iqbal singh chahal) ने खुलासा किया है कि वर्तमान में शहर में पाए गए 80-85 प्रतिशत मामले स्पर्शोन्मुख यानी सिम्प्टमैटिक हैं।बुधवार, 24 फरवरी को देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में पाए गए 1,200 मामलों में से 83 प्रतिशत मामले स्पर्शोन्मुख थे और उनमें से कोई भी गंभीर नहीं था।
BMC कमिश्मर इकबाल सिंह चहल (bmc commissioner iqbal singh chahal) ने निजी अस्पतालों को भी कोई सिम्प्टमैटिक पेशेंट को एडमिट नही करने की हिदायत दी है। इसके अलावा यह भी पता चला है कि बहुत से लोग ऐसे हैं जो फरवरी महीने में ही संक्रमित हुए हैं।
महाराष्ट्र में, लगभग 78 प्रतिशत सक्रिय मामले अस्पतालों में हैं, जबकि मुंबई में 49 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अभी अधिकारियों को बेड बढ़ाने से नहीं रोकना चाहिए। क्योंकि सिम्पटम्स मामलों में वृद्धि को देखने के बाद कोरोनो वायरस (Corona virus) से कम भी नहीं सोचना चाहिए।
बीएमसी प्रमुख ने कहा कि जिसने भी सकारात्मक परीक्षण किया है और उसमें सिम्पटम्स पाए गए हैं, तो उसे भी खुद को आइसोलेट करना चाहिए और अपने ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करनी चाहिए क्योंकि वे भी संक्रमण को बढ़ा सकते हैं।
इससे पहले, आईएस चहल ने इस बात से इनकार किया है कि मुंबई में कॉरोनोवायरस संक्रमण की दूसरी लहर है क्योंकि शहर में सीओवीआईडी -19 के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि, अगले 15 दिन मुंबई के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे।
पिछले कई हफ्तों से जारी आंकड़ों की समीक्षा करने पर पता चलता है कि प्रति दिन जितने भी केस सामने आ रहे हैं उनमें 78-82 फीसदी मरीजों में सिम्पटम्स पाए गए हैं।
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, स्पर्शोन्मुख रोगियों का हिस्सा हमेशा 80 प्रतिशत और उससे अधिक की सीमा में रहा है। गंभीर रोगियों की हिस्सेदारी हमेशा 15 प्रतिशत के आसपास रही है।
यह देखा गया है कि लोगों में बुखार, शरीर में दर्द, सिरदर्द, गंध लुप्तता जैसे कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहा है।