कमला मिल आग हादसे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए सवाल किया कि रूफ टॉप होटल्स की मंजूरी नहीं देने के बावजूद मोजोस बिस्ट्रो और वन-अबव ने 'रूफ टॉप' होटल कैसे खोला था? यहां आपको बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो ने एक जनहित याचिका दायर कर कोर्ट से कमला मिल हादसे की न्यायिक जांच करने की मांग की थी। उसी मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी। इस मामले में रिबेरो सहित और कुछ और लोगो ने भी यचिकायें दाखिल की गयीं थीं, सभी याचिकाओं को लेकर एक साथ सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आर.एम बेर्डे और राजेश केतकर की बेंच यह सुनवाई कर रही थी।
सुरक्षा सर्वोपरि - कोर्ट
कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सड़कों पर फ़ूड स्टॉल नहीं होने चाहिए, इसके बाद भी नियमों का उल्लंघन किया जाता है। कोर्ट ने लोगों की सुरक्षा को सर्वोपरि बताए हुए कि इस मामले में स्वतंत्र नियामक बनाने की जरूरत है। यही नहीं कोर्ट ने बीएमसी पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि लेकिन लगता है बीएमसी घटना होने के बाद ही सक्रीय होती है।
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दोषियो पर की कार्रवाई- बीएमसी
बीएमसी ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट से कहा कि इस मामले में 12 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। बीएमसी ने कहा कि दमकल विभाग के अधिकारी द्वारा 25 दिसंबर को 'फायर एनओसी' दी गयी थी और 29 दिसंबर को ही आग लगी, बीएमसी ने बताया कि उक्त अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिसने जांच नहीं करते हुए एनओसी जारी कर दी थी।
वन अबव और मोजोस की जगह आईटी के लिए
एक याचिकाकर्ता ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कोर्ट को बताया कि जिस स्थान पर वन अबव और मोजोस स्थित हैं उन्हें आईटी के लिए अलॉट किया गया है. यही सवाल कोर्ट ने भी बीएमसी से पूछा?
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'करो कार्रवाई वर्ना होंगे और भी हादसे'
कोर्ट ने बीएमसी को कड़ा रुख अख्तियार करने को कहा. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो जो होटल्स या रेस्टोरेंट नियमों का उल्लंघन करते हैं उनके लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाएं। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए बीएमसी से कहा कि कमला मिल हादसे से कुछ सीखिए, कार्यप्रणाली सुधारो नहीं तो इसी तरह से और भी हादसे होते रहेंगे। अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 फरवाई को होगी।