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युवक जख्मी अवस्था में पड़ा था पटरी पर और आ गयी ट्रेन, तभी हुआ चमत्कार...

कुर्ला स्टेशन से युवक को सायन अस्पताल ले जाया गया। समय पर इलाज होने से युवक की जान बच गयी। युवक की पहचान विनायक परब के रूप में हुई।

युवक जख्मी अवस्था में पड़ा था पटरी पर और आ गयी ट्रेन, तभी हुआ चमत्कार...
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मुंबई (mumbai) की लोकल ट्रेन (local train) में होने वाले हादसे (accident) के लिए क्या रेलवे ही जिम्मेदार है? इसका जवाब है नहीं। इसकी जिम्मेदारी केवल रेलवे (railway) की है नहीं बल्कि यात्रियों की भी है। रेलवे द्वारा बार-बार चेताये जाने पर कि, चढ़ती गाड़ी में न तो चढ़े, न ही उतरे, स्टंट (stunt) न करें, इसके बावजूद कुछ लोग ऐसी हरकतों को करने से बाज नहीं आते। इसी कड़ी में हार्बर रेलवे में एक युवक की जान जाते-जाते बचीं, अगर समय पर मोटरमैन की नजर उस पर नहीं पड़ती।

मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार रात CSMT से पनवेल (panvel) जाने वाली ट्रेन जब रात के समय छुटी। ट्रेन जब चुनाभट्टी से आगे बढ़ी तो पटरी पर एक युवक जख्मी अवस्था में पड़ा हुआ था। जख्मी युवक को देखने के बाद मोटरमैन सूर्यकांत पाटील ने गार्ड बबलू कुमार से बात की। इसके बाद पाटील ने ट्रेन रोकी और घायल युवक को अन्य यात्रियों की सहायता से ट्रेन से कुर्ला (kurla) पहुंचाया।

कुर्ला स्टेशन से युवक को सायन अस्पताल ले जाया गया। समय पर इलाज होने से युवक की जान बच गयी। युवक की पहचान विनायक परब के रूप में हुई। परब ने बताया कि ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण उसका हाथ छूट गया जिससे वह पटरी पर गिर पड़ा।

हर कोई विनायक परब जैसा किस्मत वाला नहीं होता। मुंबई की लोकल ट्रेन से गिर कर हर दिन कई लोग अपनी जान गंवाते हैं। ऐसी लोगो की संख्या काफी कम होती है जिन्हें समय पर उपचार मिलने के कारण उनकी जान बच जाती है। इसीलिए रेलवे हमेशा यात्रियों को पटरी पार नहीं करने, स्टंट नहीं करने, चलती ट्रेन से न तो उतरने और न ही चढ़ने की अपील करती रहती है।

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