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हिंदमाता इलाके का श्राप कौन करेगा दूर?


हिंदमाता इलाके का श्राप कौन करेगा दूर?
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क्या हिंदमाता इलाके को पानी से डूबने का श्राप मिला है? बीएमसी द्वारा लाख रोकने की कोशिशो के बाद भी आखिर क्या कारण है कि यहाँ बारिश में नीचले इलाकों में पानी का जमाव होता ही है। परेल का हिंदमाता, यहां पता नहीं कितने सालों से पानी जमा होता आया है। थोड़ी सी भी बारिश से यहाँ बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। ऐसी ही स्थिति से निपटने के लिए बीएमसी ने 100 करोड़ खर्च करके यहां ब्रिटानिया पम्पिंग सेट बनवाया था, जिसके उद्घाटन में उद्धव ठाकरे ने दावा किया था कि अब यहां लोगों को वाटर लॉगिंग का सामना नहीं करना पड़ेगा। यही नहीं बीएमसी ने इसी तरह कुल 55 स्थानों पर पम्पिंग सेट भी लगवाया था ताकि जमा पानी को निकला जा सके। लेकिन अब बीएमसी की इस वाटर लॉगिंग नीति पर बीजेपी ने सवाल उठाया है।

मुंबई के नालों को चौड़ा और मजबूत करने के लिए मनपा ब्रीमस्टोवड योजना चला रही है। इस योजना के अंतर्गत नीचले इलाकों में से पानी निकालने के लिए पम्पिंग स्टेशन बनाया गया है, लेकिन हाजी अली, इर्ला नाला, क्लीव लैंड बंदर, लव ग्रोव और ब्रिटानिया आऊटफॉल जैसे जगहों पर पम्पिंग स्टेशन बनाने के लिए लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च किया गया। साथ ही अनेक स्थानों पर पम्पिंग सेट भी लगवाए गए। मुंबई में पांच पम्पिंग स्टेशन के साथ साथ 310 पम्पिंग पंप लगवाए गए हैं। बावजूद इसके यहां कई ईलाकों में पानी निकलने के लिए पम्पिंग सेटों की जरुरत महसूस की जा रही है।

बीएमसी के सत्ताधारी पार्टियों के नुमाइंदो ने बताया कि पिछले साल रे रोड से  ब्रिटानिया आऊटफॉल तक पम्पिंग स्टेशन का लोकार्पण किया गया था। ब्रिटानिया पम्पिंग स्टेशन से रे रोड रेलवे स्टेशन परिसर, दिनशॉ पेरीट मार्ग, हिंदमाता, जीजीभॉय मार्ग, अभ्युदय नगर, सरदार होटल, दत्ताराम लाड मार्ग, मडकेबुवा चौक, लालबाग, कालाचौकी, स्टार सिनेमा, भायखला स्टेशन (पूर्ण), डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर मार्ग व आचार्य दोंदे मार्ग जंक्शन जैसे 13 जगहों के निवासियों को वाटर लॉगिंग की समस्या से कुछ निजात मिली थी। लेकिन इन भागों में से पानी निकालने के लिए बीएमसी ने 55 जगहों पर पम्प लगाने का निर्णय लिया है। लेकिन ब्रिटानिया पम्पिंग स्टेशन बनाने से हिंदमाता सहित दक्षिण मुंबई के भागो में पानी जमा होने का डर मुंबई के बीजेपी नेता और बीएमसी गुट नेता मनोज कोटक को सता रहा है। इस बाबत उन्होंने महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर और महापालिका आयुक्त अजोय मेहता को पत्र लिख कर इन इलाकों में होने वाले जल भराव के मद्देनजर प्रस्ताव पेश करने को कहा है। कोटक का कहना है कि जब हिन्दमाता में पम्पिंग स्टेशन लगाया गया है तो पम्पिंग सेट लगवाने का क्या मतलब है?

स्थायी समिति के अध्यक्ष रमेश कोरगावकर ने कहा कि हिंदमाता की भौगोलिक स्थिति एक प्लेट की तरह है बीच में निचला और किनारे ऊँचा, इसीलिए यहाँ पानी जमा होता है, और यही कारण है की यहां पम्पिंग स्टेशन बनाया गया है। यह स्टेशन बन जाने से अब यहां पानी जमा नहीं होता है। खैर कोरगांवकर के इस दावे की पोल हर बारिश में खुल जाती है जब निचले इलाकों में पानी का जमाव शुरू होता है।


कार्यरत पंपिंग स्टेशन

हाजी अली पंपिंग स्टेशन  100 करोड़ रुपए  

इर्ला पंपिंग स्टेशन : 90 करोड़ रुपए

लवग्रोव पंपिंग स्टेशन : 102 करोड़ रुपए

क्लीवलैंड बंदर पंपिंग स्टेशन :116 करोड़ रुपए

ब्रिटानिया पंपिंग स्टेशन : 120 करोड़ रुपए


पिछले 10 सालों में पम्पिंग स्टेशनों की संख्या

सन 2014-15 : पंपों की संख्या  :266(खर्च :12.02 करोड़)

सन 2015-16: पंपों की संख्या :292(खर्च : 13.56 करोड़)

सन 2016-17 : पंपों की संख्या :313(खर्च:15.64 करोड़)

सन 2017-17 : पंपों की संख्या :310(खर्च: 16.89करोड़)


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